
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को इसकी शिकायत की गई थी जिसे गंभीरता से लेते हुए तोरवा थाने के स्टाफ को बंधक मजदूरों को छुड़ाने उत्तर प्रदेश भेजा गया था
सत्याग्रह डेस्क
प्रदेश में तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक पलायन नहीं रुका है। अभी भी मजदूरी की लालच में प्रदेश के मजदूर अन्य प्रदेशों में जाकर ठेकेदारों के चंगुल में फंस जाते हैं और उन्हें बंधुआ मजदूर बनाकर बेगारी कराई जाती है। ऐसे ही एक मामले में तोरवा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। बतायाजा रहा है कि इसी साल जनवरी के महीने में जयराम नगर खूडु भाठा निवासी ईट भट्टा सरदार राम कुमार कैवर्त ने ग्राम पंचायत मानिकपुर के विश्राम कैवर्त को 60,000 रुपये एडवांस देकर अच्छा काम दिलाने और समय पर मजदूरी दिलाने का आश्वासन देकर अपने साथ काम कराने ग्राम पीरपुर थाना कोठी जिला बाराबंकी उत्तर प्रदेश ले जाया गया था जहां उन्हें ईटा भट्ठा संचालक राजकुमार वर्मा और रवि वर्मा के भट्टे में काम पर लगाया गया। काम के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने पर ईंट भट्ठा संचालक से घर वापस आने के लिए छुट्टी मांगी तो उस से एडवांस में दिए गए 60000 रुपये जमा करने को कहा गया। 60,000 जमा नहीं करने की सूरत में मजदूरो को बंधक बनाकर काम लिया जाने लगा। यहां तक कि उसे अपने परिजनों से संपर्क करने भी नहीं दिया गया। इसके बाद मजदूर की पत्नी शिवकुमारी द्वारा बिलासपुर पुलिस अधीक्षक को इसकी शिकायत की गई थी जिसे गंभीरता से लेते हुए तोरवा थाने के स्टाफ को बंधक मजदूरों को छुड़ाने उत्तर प्रदेश भेजा गया ।उत्तर प्रदेश पुलिस ने बंधक बनाए गए मजदूर विश्राम कैवर्त, गोविंद कैवर्त, महेश कैवर्त, लक्ष्मण कैवर्त, जागेश्वरी और दीपांजलि को सकुशल छुड़ाकर वापस लाया है।