
ठगों को लगता है कि रकम छोटी होने की वजह से उनकी शिकायत नहीं होगी और वे बड़ी रकम हांसिल कर चंपत हो जाएंगे

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर रुपए ऐंठने की खबरें तो अक्सर सुनी जाती है लेकिन बिलासपुर में घरेलू महिलाओं को छोटी-मोटी नौकरी देने के नाम पर ठगा गया है और ठगी की रकम 10 लाख रुपए से भी अधिक है। कुछ दिनों पहले बिलासपुर के अशोक नगर इलाके में अंचल गुप्ता नाम के शख्स ने छत्तीसगढ़ रोजगार उन्मुखी प्रशिक्षण एवं जागरूकता समिति के नाम पर क्षेत्र की महिलाओं को भरमाना शुरू किया । गोपाल नगर, जांजगीर चाम्पा में कार्यालय होने का हवाला देकर इलाके के सभी गांव में पर्चे बंटवाये गए, जिसमें बेरोजगार महिलाओं को सुनहरे सपने दिखाकर उन्हें कहां गया कि वे अपने ही क्षेत्र में रहकर सिलाई कढ़ाई और ब्यूटीशियन की जानकारी से रोजगार कमा सकती हैं ।

अंचल गुप्ता के लिए काम करने वाली कोई उर्मिला मैडम घर घर जाकर महिलाओं से संपर्क करती और व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए उन्हें जॉब ऑफर करती। इस फर्जी संस्था द्वारा सिलाई और ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण का झांसा दिया गया। मात्र 17 सौ रुपए में सिलाई प्रशिक्षण की बात कही गई वहीं 3200 रूपय में ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण देने का हवाला दिया गया। लोगों को आकर्षित करने सीमित सीट का झांसा दिया गया। बताया गया कि यह संस्था अर्ध शासकीय है। पर्चा बंटने और उर्मिला मैडम की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर क्षेत्र की ढाई सौ से 300 महिलाएं संस्था से जुड़ गई। इन्हें नौकरी देने के नाम पर इनसे 4400 रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क वसूला गया । हर गांव में कार्यालय खोले गए। जहां चार चार कर्मचारी नियुक्त किए गए। जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण के नाम पर 25 और 30 हजार रुपए की सुरक्षा निधि ली गई, लेकिन 5 महीने काम कराने के बावजूद किसी को वेतन के नाम पर फूटी कौड़ी तक नहीं दी गई । जिसके बाद प्रशिक्षण दे रही

महिलाओं को समझ आ गया कि उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही है । जब उन्होंने पता किया तो उन्हें यह भी पता चला कि यह संस्था बोगस है । यह जानने के बाद गुस्साई महिलाएं बड़ी संख्या में सरकंडा थाने पहुंच गई और इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। महिलाओं की शिकायत के बाद सरकंडा पुलिस ने छत्तीसगढ़ रोजगार उन्मुखी एवं जन जागरूकता समिति के संचालक अंचल गुप्ता को हिरासत में ले लिया। अंचल गुप्ता ने उनसे भी रकम ली है जिन्हें उसने प्रशिक्षण लेने के नाम पर संस्था से जोड़ा था और उनसे भी ली है जिन्हें प्रशिक्षण देने के नाम पर जोड़ा था ।

ग्रामीण इलाकों में भोले-भाले ग्रामीणों को इसी तरह फर्जी संस्था बनाकर ठगा जा रहा है। ऐसे लोग एनजीओ और शासकीय संस्था का हवाला देकर बेरोजगार महिलाओं को शीशे में उतार लेते हैं। ठगों को लगता है कि रकम छोटी होने की वजह से उनकी शिकायत नहीं होगी और वे बड़ी रकम हांसिल कर चंपत हो जाएंगे । यहां भी इसी तरह का खेल खेला गया था लेकिन महिलाओं की सतर्कता से आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।