
डेस्क
पुराने सामानों की खरीदी बिक्री करने वाला लोकप्रिय ऐप ओएलएक्स धोखाधड़ी का भी प्लेटफार्म बनता जा रहा है। लगातार ओएलएक्स पर विज्ञापनों को देखकर संपर्क करने वाले खरीददार या फिर बेचने वाले ठगी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का पर्दाफाश सिविल लाइन पुलिस ने किया है। पुलिस ने आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया, जो गाड़ी के फर्जी कागजात का उपयोग कर लोगों को धोखा दिया करता था। आरोपी गाड़ी के पुराने कागजात का इस्तेमाल पुनः ओएलएक्स में ऐड देकर करता था। लोग ओएलएक्स पर गाड़ियों की चमकदार ऐड देखकर प्रभावित होते हैं। लेकिन इसके पीछे की सच्चाई को जानना भी जरूरी है। पुलिस को भी ओ एल एक्स पर फर्जी विज्ञापन के माध्यम से लोगों को ठगने की शिकायत लगातार मिल रही थी। इसी दौरान पता चला कि 28 दिसंबर 2018 को जतिन खत्री द्वारा एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसमें उन्होंने बताया था की एक व्यक्ति ने ओएलएक्स में गाड़ी बेचने का झांसा देकर उनसे 42, 650 रु ठग लिए है। इस मामले को वापस खोलते हुए पुलिस ने पतासाजी शुरू की और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए पुलिस हैदराबाद पहुंच गई । बिलासपुर के साइबर क्राइम विशेषज्ञ टीआई कलीम खान, उपनिरीक्षक प्रभाकर तिवारी, हेमंत आदित्य ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हैदराबाद में रहने वाले आरोपी सीलवेरी भानु चंद्रा को धर दबोचा। काफी खोजबीन के बाद हालांकि आरोपी पुलिस के हाथ लगा, जिसने पुलिस पूछताछ में अपना अपराध कबूल कर लिया है । उसके पास से गुनाह के दौरान इस्तेमाल किए गए मोबाइल को भी पुलिस ने जप्त कर लिया है। पता चला कि 29 वर्षीय थाना बालापुर जिला आरा हैदराबाद निवासी एस भानु चंद्रा गाड़ी के पुराने कागजात का इस्तेमाल कर ओ एल एक्स में नकली ऐड दिया करता था जिसके झांसे में आकर लोग उसे रकम दे देते और फिर वह गायब हो जाता था।