
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्वास्थ्य विभाग ने आपदा को अवसर के रूप में लेने वाले डायग्नोस्टिक सेंटरों के ऊपर कार्यवाही की गाज गिराई है। जिला कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मान्या डायग्नोस्टिक सेंटर पर निर्धारित शुल्क से अधिक रुपए मरीजो से लेने के मामले में दोषी पाते हुए। उक्त जांच को बंद करने आदेश चस्पा किया है। आपको बता दे प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को लेकर संदेहियों के पहचान के लिए सिटी स्कैन को प्राथमिकता दी गई है। जिसमे हॉस्पिटल प्रबंधन और डॉक्टर मनमानी नही कर सके। इसको लेकर शासन ने कोविड जांच से सिटी स्कैन कि दर निर्धारित की है। इसके बावजूद जिले के अधिकांश डायग्नोस्टिक सेंटर और हॉस्पिटलों में कोरोना संदेहियों के सिटी स्कैन के लिए मरीजो से दोगुना और तिगुना चार्ज वसूल रहे है। जबकि शासन ने सिटी स्कैन के लिए 2300 रुपए निर्धारित किया है। जबकि वर्त्तमान परिस्थितियों में कई हॉस्पिटलों में जांच के लिए 5000 तक लिए जा रहा है। जिसकी शिक़ायत जिले कलेक्टर की गई थी। जिसके बाद उन्होंने उक्त मामले में उचित कार्यवाही के लिए तत्कालीन सीएमएचओ डॉक्टर प्रमोद महाजन को निर्देशित किया था। जिन्होंने नेत्र सहायक विजय सिंह औऱ प्रवीण शर्मा के साथ संयुक्त टीम बना कर जांच के निर्देश दिया थे। जिन्होंने मान्या डायग्नोस्टिक और सहित अन्य जगहों पर जांच कर उचित कार्यवाही की है।
मरीजो के इलाज के लिए मना करने वाले हॉस्पिटल पर भी बरसे सीएमएचओ,, व्यवस्था नही होने पर कार्यवाही करने दिया निर्देश…

कोरोना महामारी के बीच बुधवार को अचानक मंगला चौक स्थित कृष्णा हॉस्पिटल ने कोविड मरीजो के इलाज के लिए हाथ खड़े कर दिए,जिससे प्रबंधन के निर्देश पर अधिकांश मरीजो को इलाज के पूर्व ही बाहर भगाने लगे। ऐसे में सीएमएचओ डॉ प्रमोद महाजन को मामले की जानकारी लगते ही तत्काल हॉस्पिटल पहुँचे। जहाँ कोविड मरीजो के इलाज की मनाही करने वाले हॉस्पिटल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई। इस दौरान उन्हें पता चला कि उक्त हॉस्पिटल में तीन स्टाफ कोविड पॉजिटिव पाए गए है। जिस वजह से बाकि के स्टाफ ने हॉस्पिटल में काम करने से मना कर दिया है। जिसको लेकर उन्होंने हॉस्पिटल प्रबंधन को सरप्लस स्टाफ की व्यवस्था करने की हिदायत दी है। वही कोविड मरीजो के इलाज में कोताही बरतने की स्थिति में कृष्णा हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की हिदायत दी है।
प्रबंधन की लापरवाही से दो मरीजो की गई जाना,,मरीज शिफ्ट करने के दौरान और स्टाफ नही होने के वजह से हुई मौत…

मंगला चौक स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में बुधवार सुबह दो मरीजो की मौत हो गई है। सूत्रों की माने तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने कोविड मरीजो के लिए करने से मना कर दिया था। और इस वजह से अधिकांश मरीजो को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने मरीज के परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा था। इस बीच एक गंभीर मरीज की मौत हो गई है। जबकि एक अन्य संक्रमित मरीज को शिफ्ट करने के दौरान उसकी साँसे थम गई। उक्त दोनों मौत के बाद भी हॉस्पिटल प्रबंधन ने मरीजो के इलाज पर संजिदगी नही दिखाई। लिहाजा मामले में स्थानीय प्रशासन के दखल और स्वास्थ्य विभाग द्वारा आउट सोर्सिंग से स्टाफ मुहैया कराने के बाद प्रबंधन ने इलाज करने के लिए तैयार हुए है।
12 गंभीर मरीज की जान आफत में डालने वाले हॉस्पिटल पर क्या गिरेगी कार्यवाही की गाज??

श्रीकृष्णा हॉस्पिटल के द्वारा बुधवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिन्होंने स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए, कोविड मरीजो के इलाज के लिए मना कर दिया। यही नही वह हॉस्पिटल में भर्ती मरीजो को भी वहाँ से दूसरे जगह भगाने लगे। जब इस बीच 12 कोविड के गंभीर मरीज हॉस्पिटल में मौजूद थे। इस अफरातफरी में दो संक्रमितो की जान भी चली गई। ऐसे में सवाल यह है। कि क्या आपदा की इस घड़ी में लापरवाही बरतने वाले श्री कृष्ण हॉस्पिटल के ऊपर कार्यवाही की गाज गिरेगी? या फिर दो मरीजो के जान लेने वाले हॉस्पिटल प्रबंधन को केवल सख्त हिदायत देकर छोड़ दिया जाएगा।