
रमेश राजपूत

कांकेर – छत्तीसगढ़ समेत देशभर में आनलाइन गेम के चक्कर में लाखों रुपए ठगे जा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला कांकेर जिले में आया है। पखांजुर में एक बच्चे ने ऑनलाइन गेम को अपग्रेड करने में करीब सवा तीन लाख रुपए खर्च कर दिए। गौरतलब है कि रायगढ़ में ऑनलाइन गेमिंग के लिए उधार ली गई रकम के लिए 17 साल के एक छात्र की उसके ही दोस्त ने हत्या कर दी थी। जानकारी के मुताबिक पखांजूर की शिक्षिका शुभ्रा पाल ने 11 जून को थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि 8 मार्च से 10 जून के बीच उसके खाते से 278 बार ट्रांजेक्शन कर 3.22 लाख निकाल लिए गए। यह भी कहा था कि एक बार भी उसके मोबाइल में ओटीपी नहीं आया। इसे ऑनलाइन ठगी का नया पैंतरा माना जा रहा था। पुलिस ने जांच की तो बैंक से पता चला खाते में लिंक मोबाइल नंबर से ही पैसा ट्रांजेक्शन किया गया है। जांच आगे बढ़ी तो पता चला पैसा ऑनलाइन गेम खेलने व गेमिंग लेवल अपग्रेड करने में खर्च किया गया है। जांच में खुलासा हुआ कि इस मोबाइल से उसका 12 साल का बेटा ही ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलता था। पूछताछ में बेटे ने बताया कि वो फ्री फायर गेम खेलने का इस कदर आदी हो चुका था कि गेम को अपग्रेड कर गेमिंग हथियार खरीदना चाहता था। इसलिए वो मां के मोबाइल नंबर को बैंक एकाउंट से जोड़कर पैसे ट्रांजेक्शन करने लगा।
बच्चों को बताएं क्या सही, क्या गलत
जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना लारिया ने कहा वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में खरीदी, पेमेंट के साथ पढ़ाई भी ऑनलाइन हो गई है। ऐसे में इससे बच्चे ज्यादा जुड़ रहे हैं। पालक बच्चों को ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने के साथ उन्हें इसकी अच्छाई व बुराई दोनों बताएं। बच्चों को बताएं लापरवाही बरतने से वे सायबर क्राइम व ठगी के शिकार हो सकते हैं। बेहतर है बच्चों को अपने सामने ही ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करने दें। वहीं साइबर सेल प्रभारी एसआई सत्येंद्र सिंह ने कहा बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखना चाहिए। ऑनलाइन रहने वाले बच्चों पर नजर रखने के साथ बैंक एकाउंट की जानकारी उनसे दूर रखना चाहिए।