
जिले के नए कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने इस मामले में अधिकारियों को जल्द की किसानों को मुआवजा वितरित करने के निर्देश दिए हैं
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
जशपुर में बेलसूंगा सिंचाई परियोजना में जिन किसानो की भूमि नहर के लिए अधिग्रहित की गई थी वे 72 किसान आज 12 साल बाद भी मुआवजे के लिए भटक रहे हैं, मुआवजा नही मिलने से नाराज किसानों ने अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। सबसे खास बात यह है कि जिन किसानों को मुआवजा मिलना है उनमें भाजपा के दिवंगत और दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव, राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव भी शामिल हैं।
जशपुर के रनपुर गाँव के पास 2007 में बेलसूंगा सिंचाई परियोजना का निर्माण किया गया था,इस जलाशय से दो नहरें निकली हैं जो सैकड़ो एकड़ भूमि को सिंचित करती हैं, सिंचाई परियोजना में सैकड़ों किसानों की कई एकड़ भूमि भी अधिग्रहित की गयी थी, जिसमे से अधिकतर किसानो का मुआवजा तो मिल गया पर कुदमुरा गाँव के 72 किसानों का मुआवजा 12 सालों बाद भी नही मिल पाया है।
मुआवजे को पाने के लिए किसानों ने मुख्यमंत्री, सांसद, कलेक्टर समेत आलाधिकारियों के चक्कर लगाये लेकिन आज तक इन किसानों को मुआवजा नही मिल पाया है, जिससे नाराज किसानों ने आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी है।इस सिंचाई परियोजना में जशपुर राजपरिवार की भी जमीन अधिग्रहित की गई है जिसमे भाजपा के दिग्गज और दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव, राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव तक के नाम मुआवजे की सूची में शामिल हैं लेकिन इन दिग्गजों के नाम होने के बावजूद अधिकारी आज तक किसानों को मुआवजा नही दे पाए।
अब जिले के नए कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने इस मामले में अधिकारियों को जल्द की किसानों को मुआवजा वितरित करने के निर्देश दिए हैं।
यह अपनी तरह का बिल्कुल अनोखा मामला है जिसमें तत्कालीन भाजपा के बड़े नेताओं को भी मुआवजे की राशि नहीं मिली ऐसे में आम किसानों के राहत की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है