
मुद्दा जब गरमाया तो आरोपी किसी योद्धा की तरह थाने में गए, सरेंडर किया और विजेता की तरह बाहर आए। उनका स्वागत समर्थकों ने फूल मालाओं से किया। यह कृत्य जले पर नमक छिड़कने जैसा था,
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
शनिवार को एकात्म परिसर में भाजपा नेता आपस में ही भिड़ गए ।इस एक्सक्लूसिव वीडियो को समेटने का लोग पत्रकार सुमन पांडे संवरण नहीं कर पाए लेकिन इसकी भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी । भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव अग्रवाल और उनके समर्थकों ने पत्रकार सुमन पांडे के साथ मारपीट की, जबरन उनसे वीडियो डिलीट करवाएं और उन्हें बेइज्जत कर पार्टी कार्यालय से बाहर किया । यह मुद्दा जब गरमाया तो आरोपी किसी योद्धा की तरह थाने में गए, सरेंडर किया और विजेता की तरह बाहर आए। उनका स्वागत समर्थकों ने फूल मालाओं से किया। यह कृत्य जले पर नमक छिड़कने जैसा था, जिससे पत्रकार बिरादरी का गुस्सा आसमान छूने लगा । राजधानी से ही खबरों का मिजाज तय होता है, लिहाजा राजधानी के पत्रकारों को समझाने प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक और कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल पहुंच गए। पत्रकारों की बातें सुनी, भरोसा दिलाया, लेकिन शायद राजीव अग्रवाल उनसे कहीं अधिक ताकतवर नेता हैं, तभी तो प्रदेशभर में इस घटना की भर्त्सना होने के बावजूद पार्टी एक साधारण से जिला अध्यक्ष को बाहर का रास्ता नहीं दिखा पा रही है। भले ही से उस पर सामंतवादी होने का धब्बा लग रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी को इसकी कोई परवाह नहीं है ।सत्ता का चेहरा हमेशा सामंतवादी रहा है ।
प्रदेश में सत्ता से बेदखल होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की यह खुमारी अब तक नहीं उतरी है। यही कारण है कि चौतरफा विरोध के बावजूद राजीव अग्रवाल जैसे एक मामूली नेता को पार्टी से अलग करने का फैसला नहीं लिया जा पा रहा। राजधानी में लगातार इसका विरोध हो रहा है ।पत्रकार भारतीय जनता पार्टी का कवरेज हेलमेट पहनकर कर रहे हैं। यह पार्टी के लिए शर्मिंदा करने वाली बात है।
बिलासपुर प्रेस क्लब भी विरोध की इस लड़ाई में कूद पड़ा है। विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन बिलासपुर प्रेस क्लब के पत्रकार नेहरू चौक पर धरने पर बैठ गए । यहां भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ में जमकर नारे लगाए गए और मांग की गई कि जल्द से जल्द राजीव अग्रवाल का निष्कासन किया जाए ।मतलब एक व्यक्ति की गलती की वजह से भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश स्तर पर छीछालेदर हो रही है लेकिन पार्टी के नेता कुंभकरण की नींद में मगन है। उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव में होने वाले नुकसान की कोई परवाह नहीं। इसलिए मंच लूटने कांग्रेसी भी इस आंदोलन में शामिल हो गए। भारतीय जनता पार्टी को कोसने का मौका हो तो कांग्रेसी कैसे पीछे रहते । बुधवार को के इस धरना प्रदर्शन में जहां पत्रकार शामिल हुए वहीं बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडे के अलावा अटल श्रीवास्तव अभय नारायण ,राय ऋषि पांडे जैसे नेता भी यहां पहुंचे और भाजपा के साथ आर एस एस और हिंदू महासभा को भी पानी पी पी कर कोसा । सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने ही उन्हें अवसर दिया है। अगर पहले ही दिन राजीव अग्रवाल जैसे गुंडा तत्वों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा देते तो पार्टी की छवि और चमकती ,लेकिन पार्टी ने ऐसा करने की जगह उन अपराधियों को संरक्षण देना अधिक बेहतर समझा। सोशल मीडिया पर राजीव अग्रवाल के समर्थक उटपटांग पोस्ट कर अपने दोहरे चरित्र का परिचय दे रहे हैं। अपनी गलती से शर्मसार होने की जगह आग में घी डालने का काम सोशल मीडिया के यही होनहार कर रहे हैं । इसकी कीमत जाहिर तौर पर आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी को चुकानी होगी। बुधवार के इस धरने को समर्थन देने आम नागरिक, जिला अधिवक्ता संघ के सदस्य और कांग्रेस के नेता पहुंचे। धीरे-धीरे यह आग प्रदेशभर में फैलती जा रही है क्योंकि हमला मीडिया पर हुआ है इसलिए मीडिया के माध्यम से यह खबर आम पाठकों तक भी पहुंच चुकी है। इसलिए अगर भारतीय जनता पार्टी के नेता इस मुगालते में है कि एक पत्रकार से की गई मारपीट से कोई फर्क नहीं पड़ता तो यह फिर शुतुरमुर्ग की तरह आंखें बंद करने की वही प्रवृत्ति होगी जिस वजह से विधानसभा चुनाव में पार्टी का सूपड़ा साफ हुआ है ।भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ स्पष्ट आक्रोष इन आंदोलनों में नजर आ रहा है । फैसला पार्टी के बड़े नेताओं को करना चाहिए क्योंकि जितनी देर होगी उतना ही नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होगा। पता नहीं इतनी सी बात उन्हें समझ क्यों नहीं आ रही, जिन्होंने 15 साल छत्तीसगढ़ पर राज किया है। काश ये लोगों के दिलों पर भी राज करना सीख लेते।