
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – न्यायाधानी के खाद्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले आये दिन सुर्खियों में रहते हैं किंतु समुचित कार्यवाही नहीं होने के कारण ये सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। इन सब के बीच पर्दे के पीछे चलने वाला एक मामला प्रकाश में आया है जहां पीडीएस के तहत संचालित करने वाले राशन दुकानों पर भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर सौंपी गई थी। अब उनके खिलाफ भयादोहन कर अवैध वसूली का आरोप लग रहा है यह पूरा मामला मस्तूरी ब्लाक अंतर्गत मस्तूरी और सीपत क्षेत्र का सामने आया है जहां मंगलवार को जनदर्शन के दौरान जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर को वहां पदस्थ खाद्य निरीक्षको के खिलाफ उचित कार्रवाई करने आग्रह कर ज्ञापन सौंपा है। प्रार्थियों की माने तो मस्तूरी और सीपत क्षेत्र में पदस्थ खाद्य निरीक्षक आशिष दीवान और प्रीति चौबे बंटी बबली का किरदार निभा रहे हैं अंतर सिर्फ इतना है कि वह चूना तो राशन दुकान संचालको को लगा रहे हैं और धोखा खाद्य विभाग को दे रहे हैं।

इनकी शिकायत लेकर पहुंचे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के माने तो इन खाद्य निरीक्षक आशिष दीवान और प्रीति चौबे क्षेत्र के प्रत्येक माह राशन दुकानों से प्रतिमाह 1100 रुपए वसूल करते है। इसके अलावा होली दीपावली में इनको अलग से चढ़ोत्तरी की उम्मीद होती है…! राशन दुकान संचालको के अनुसार निरीक्षक आशिष दीवान और प्रीति चौबे का पेट तो कभी भरता ही नही है। अवैध वसूली से मन नही भरता तो वह कभी भी दुकान जांच के नाम पर पहुँच जाते है। जहाँ कार्यवाही का ख़ौफ़ दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूल करते है। साल दर साल चली इस परमपरा से आखिरकार राशन दुकान संचालको की चुप्पी टूटी है। जिसकी शिकायत अब जिला प्रशासन तक पहुँची है। कहते है। ना अति का अंत होता है..! ऐसे में देखना होगा कि विभाग उक्त मामले में क्या कार्यवाही करती है।
उची पहुँच का धौस दिखाकर,,करते है चैलेंज..!क्या शासन प्रशासन है इनकी जेब मे..?
ज्ञापन देने पहुँचे शिकायतकर्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य निरीक्षक आशिष दीवान प्रशासनिक पहुंच और मंत्रालय में पहचान का धौस दिखाकर राशन दुकान संचालकोंं से अवैध रूप सेे उगाही करता है यही नहीं उनके द्वारा यह खुला चैलेंज राशन दुकान संचालकों को दिया गया है अगर उनमें दम हो तो वह उनके खिलाफ कार्यवाही करवा कर दिखाएं। आखिर इतना अहंकार किनके दम पर दिखाया जा रहा है यह तो आने वाले दिनों में ही साफ हो सकेगा। क्योंकि अहंकार तो रावण का भी नहीं टिका था..!
महीनो से चल रही अवैध उगाही,,कही अफसर तो जानकर नही बन रहे अनजान….?
मंगलवार को खाद्य निरीक्षक पर लगे अवैध वसूली के आरोप के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि खाद्य विभाग के आला अफसरों के नाक के नीचे महीनों से मस्तूरी और सीपत क्षेत्र में अवैध उगाही का खेल चलता रहा। कही इस मामले में नौकरशाही की सहभागिता तो नही है। बहरहाल इसका खुलासा तो जांच के बाद ही हो सकेगा।