
सिविल लाइन पुलिस ने 3 दिन के अंदर मामला सुलझा कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
27 खोली निवासी राहुल बिल्डकॉन एंड कंस्ट्रक्शन के संचालक राघव सिंह की कंपनी का बैंक अकाउंट एसबीआई मंगला शाखा में है। उनके द्वारा जुलाई महीने में लगातार रकम जमा की जाती रही । इस बीच उन्होंने 8 मार्च को अपने खाते में एक लाख रुपए का चेक जमा किया, जिसके बाद उनके मोबाइल पर बैलेंस का मैसेज आया। बैलेंस देख कर उन्हें लगा कि उनके खाते में काफी रकम कम नजर आ रही है। जिस पर उन्होंने 9 मार्च को बैंक से स्टेटमेंट निकलवाया। यह देखकर वे हैरान रह गए कि 13 जुलाई से लेकर 5 मार्च तक उनके खाते से लगातार रकम निकाली गई थी। यह रकम 20 लाख रुपए के करीब थी। उन्हें संदेह हुआ कि हो ना हो इसमें उनके ही किसी परिचित या कर्मचारी का हाथ है इसलिए उन्होंने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत दर्ज करा दी। सिविल लाइन पुलिस ने भी मामले को गंभीरता से लिया और राघव सिंह के खाते की बारीकी से जांच की । जांच के दौरान उन्हीने पाया कि उनके खाते से यूपीआई के माध्यम से ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया है। पुलिस को शक राहुल बिल्डकॉन के कर्मचारियों पर हुआ।उन्होंने कर्मचारियों के खातों की जांच की तो राहुल बिल्डकॉन में मार्केटिंग का काम देखने वाले आशुतोष महंत के खाते में यूपीआई पेमेंट गेटवे के माध्यम से लगातार पैसे क्रेडिट होने की जानकारी मिली। पुलिस ने आशुतोष महंत को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो वो टूट गया और उसने कबूल किया कि उसने अपने सहकर्मी अखिल सिंह के साथ मिलकर यूपीआई एप के माध्यम से धोखा धड़ी कर अपने बॉस को चूना लगाया है। दोनों ने अधिकतर रकम अय्याशी पर खर्च कर दिया था। शातिर कर्मचारियों को दरअसल सोशल मीडिया में मार्केटिंग के विज्ञापन के भुगतान के दौरान राघव सिंह का एटीएम मिल गया था। एटीएम की जानकारी हासिल होने के बाद धोखे से राघव सिंह का मोबाइल लेकर इन्होंने पिन भी प्राप्त कर लिया। दोनों आरोपी नागपुर घूमने गए थे, इस दौरान उन्होंने कार के किराए का भुगतान लगभग 40,000 रुपए राघव सिंह के ही खाते से कर दिया, लेकिन जब इसकी भनक राघव सिंह को नहीं लगी तो इनके हौसले बढ़ गए और फिर उन्होंने लगातार ट्रांजैक्शन जारी रखा ।
शुभम विहार मंगला निवासी आशुतोष महंत और नेहरू नगर निवासी अखिल सिंह के हौसले दिन-ब-दिन बढ़ते चले गए और उन्हें कभी 20,000 कभी 30,000 तो कभी 40,000 रुपए निकालते निकालते इस आंकड़े को 20 लाख रुपए तक पहुंचा दिया ,लेकिन बड़े कारोबारी होने की वजह से राघव सिंह का ध्यान ट्रांजैक्शन पर गया ही नहीं, जिसका लाभ दोनों उठाते रहे। सिविल लाइन पुलिस ने 3 दिन के अंदर मामला सुलझा कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।
पुलिस ने दोनों शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों ने जिस थाली में खाया उसी में छेद किया। ऐसे ही कर्मचारियों की वजह से इमानदार कर्मचारियों पर भी बॉस संदेह करते हैं।
राहुल बिल्डकॉन में काम करने वाले दो कर्मचारी लंबे वक्त से अपने ही मालिक के खाते से रकम उड़ाते रहे और मालिक को इसका पता भी नहीं चला। अचानक पता चलने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है।