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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वह 66 साल के थे। जेटली की तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी। अपनी खराब सेहत के चलते उन्होंने सक्रिय राजनीति से खुद को दूर कर लिया था। हालांकि, वह राज्यसभा के सदस्य थे। जेटली का इलाज अमेरिका में हो चुका था। जेटली के निधन का समाचार पाकर देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। गत छह अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हुआ। जेटली के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. अरुण जेटली ने दोपहर 12.07 बजे अंतिम सांस ली.
आपको बता दें कि अरुण जेटली पिछले 9 अगस्त से दिल्ली एम्स में भर्ती थें. दिल्ली के एम्स में भर्ती होने के बाद जेटली को देखने पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और अश्विनी चौबे के साथ-साथ भाजपा के कई नेता पहुंचे थे. उनकी ट्रीटमेंट एंडोक्रिनोलोजिस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टरों की देखरेख में चल रही थी. कार्डियोलॉजी के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉक्टर वीके बहल की निगरानी में जांच चल रही थी.
पिछले काफी समय से अरुण जेटली अस्वस्थ चल रहे थे. पिछले साल मई में अरुण जेटली का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था. बायें पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर की सर्जरी के लिए वह इसी साल जनवरी में अमेरिका भी गए थे. बीमार रहने के कारण ही उन्होंने दूसरी मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होने से मना कर दिया था. बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नई मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले 29 मई को पूर्व वित्त मंत्री जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य कारणों से नई सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते. राज्यसभा सदस्य जेटली ने कहा था कि पिछले 18 महीनों से वह स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं और इसलिए भविष्य में किसी जिम्मेदारी से खुद को दूर रखना चाहेंगे तथा इलाज एवं स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे.