
आकाश दत्त मिश्रा
एक दिन पहले मुंगेली के पड़ाव चौक में अति उत्साही कांग्रेसियों ने योगी आदित्यनाथ का पुतला फूंका था, लेकिन आलाकमान के इशारे पर ऐसा करना मुंगेली कांग्रेस कमेटी के नेताओं को अब भारी पड़ता दिख रहा है । दरअसल 2 दिन पहले सोनभद्र में हुए नरसंहार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवार से मिलने निकली थी, जिन्हें मिर्जापुर में रोक दिया गया और वह धरने पर बैठ गई थी। अचानक से प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय नेतृत्व का चेहरा बनाने की गरज से पूरे प्रदेश भर में इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुतले फूंके गए। मुंगेली के पड़ाव चौक में भी योगी आदित्यनाथ का पुतला तैयार किया गया, लेकिन अति उत्साह में यहां पुतले को भगवा वस्त्र पहनाए गए जो कि सनातन धर्म का प्रतीक है । भगवा पहनाकर पुतले को जलाया गया और फिर उसे पैरों तले कुचला भी गया। हिंदू प्रतीक भगवा का ऐसा अनादर मुंगेली के हिंदूवादी संगठनों को जरा भी रास नहीं आया। तमाम हिंदूवादी संगठनों ने एक राय होकर इस कृत्य की भर्त्सना की है और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। विरोध करने वालों मैं शामिल भाजयुमो नेता और धर्म सेना समेत तमाम हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने के लिए तैयार पटकथा अनुसार सारा खेल रचा गया लेकिन इसी दौरान हमेशा की तरह कांग्रेस ने हिंदू भावनाओं को कुचला है। भगवा, भारत और हिंदुत्व का प्रतीक है।
जिसका ऐसा अपमान हिंदू समाज कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता और कांग्रेसियों के ऐसे कृत्य से समाज में तनाव फैलने की पूरी आशंका है। अगर मुंगेली में भी इसी वजह से अलग-अलग समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति होती है तो इसके लिए कांग्रेस के नेता पूरी तरह दोषी होंगे, जिन्होंने बिना सोचे समझे इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया । शनिवार को भाजपा और हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार से मिलकर ज्ञापन सौंपा। मुंगेली कांग्रेस कमेटी के नेताओ और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग भाजयुमो और हिंदूवादी संगठनों ने ज्ञापन देकर की है।
साथ ही इस लड़ाई को अंतिम छोर तक ले जाने का भी इरादा जाहिर किया है। हिंदू संगठनों के नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस सत्ता के नशे में मगरूर हो चुकी है और इसलिए वह धार्मिक प्रतीकों का भी सरासर अपमान कर रही है, और ऐसा जानबूझकर मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए किया जा रहा है। जल्द ही दोषी कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी न होने पर सख्त कदम उठाने की चेतावनी भी इन संगठनों के नेताओं ने दी है। जाहिर है कि मुंगेली की शांत फिजा में इस घटना ने हलचल पैदा कर दी है। पुतला दहन के लिए सामान्य पुतले का भी इस्तेमाल किया जा सकता था। इससे पहले शायद ही किसी पुतले को इस तरह के किसी धर्म के प्रतीक रंग में लपेटा गया हो। कभी किसी मुस्लिम नेता के लिए जब हरे रंग के वस्त्र का प्रयोग नहीं किया गया तो फिर यह भी गैर जरूरी था कि एक हिंदू मुख्यमंत्री के लिए भगवा कपड़े का प्रयोग किया जाए। भले ही वे ऐसा कपड़ा हमेशा पहनते हो। पुतला दहन वैसे भी प्रतीक स्वरूप में होता है और जरूरी नहीं कि प्रतीक रूपी पुतले को हूबहू उनका ही स्वरूप दिया जाए। कुल मिलाकर इस घटना से मुंगेली में जो आग लग चुकी है, वह बहुत जल्दी बुझती नजर नहीं आ रही। प्रदेश में हिंदू संगठनों को एक मुद्दा मिल चुका है, जाहिर है वे इसे भुनाने में वे पीछे नहीं रहेंगे। तमाम हिंदूवादी संगठनों ने एक राय होकर इस कृत्य की भ्रत्सना की है और इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। विरोध करने वालों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए ही पुरा प्रपंच किया गया है लेकिन इसके लिए जरूरी नहीं कि वे अपने मूल स्वभाव के अनुसार हमेशा हिंदुओं का अपमान करें। इसलिए सभी दोषियों पर एफ आई आर दर्ज करने और उनकी अविलंब गिरफ्तारी की मांग की गई है।
जाहिर है इससे उन कांग्रेसी नेताओं की मुसीबतें बढ़ गई है जिन्होंने यह पुतला दहन किया था। वैसे जानकारों का यह मानना है कि यह सारा ड्रामा केवल प्रियंका गांधी को एक कुशल नेता बनाने की कोशिश के तहत किया जा रहा है, जिससे कि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष बतौर उनकी ताजपोशी की जा सके, लेकिन यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और जरूरी नहीं कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के लिए हिंदू भावनाओं का इस तरह अनादर किया जाए।