
डेस्क
अपराध जगत लगातार खुद को परिमार्जित करता जा रहा है, इसलिए पुलिस के लिए भी जरूरी है कि वह आधुनिक जमाने के क्राइम और उसके विवेचना को समझे। इसी मकसद के साथ बिलासा गुड़ी में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका समापन बुधवार को हो गया। पुलिस आधुनिकीकरण और विवेचना में सुधार के संबंध में आयोजित इस कार्यशाला के पहले दिन पुलिस को अधिक दक्ष बनाने और विवेचना के दौरान आने वाली परेशानियों से परिचित होकर उनके समाधान तलाशने की जानकारी इस कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला के पहले दिन जांजगीर-चांपा जिले के उपसंचालक अभियोजन माखनलाल पांडे ने एससी एसटी एक्ट के तहत किए जाने वाले विवेचना, पॉक्सो एक्ट में उम्र संबंधी दस्तावेजों की पड़ताल और गंभीर मामलों में भी दोष मुक्ति के कारणों सहित कई गूढ़ विषयों की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी, ताकि वे ऐसे मामलों के विवेचना के दौरान पहले से सतर्क रह सके।
वही कार्यशाला के दूसरे दिन पुलिस अधीक्षक स्नेहिल साहू द्वारा पुलिस सुधार, सॉफ्ट स्किल विषय पर व्याख्यान दिया गया। दूसरे ही दिन सिविल लाइन थाना प्रभारी और साइबर एक्सपर्ट कलीम खान द्वारा साइबरक्राइम विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। सहायक उपनिरीक्षक हेमंत आदित्य द्वारा बैंक फ्रॉड, एटीएम क्लोनिंग ,सोशल मीडिया जैसे- व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर आदि के माध्यम से किए जाने वाले अपराध की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान कार्यशाला में बिलासपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल भी मौजूद रहे, जिन्होंने पुलिस अधिकारियों को जनता के साथ शिष्ट आचरण करने और मोबाइल फॉरेंसिक, सीसीटीवी जैसे अत्याधुनिक संसाधनों के सही उपयोग की जानकारी दी। इन प्रयासों से एक तरफ जहां पुलिस को दक्ष बनाने की कोशिश हो रही है वहीं यह भी कोशिश है कि हाईटेक होते अपराधियों के आगे पुलिस पिछली सदी के ज्ञान के साथ दोयम ना नजर आए।