
उदय सिंह
मस्तूरी – मस्तूरी ब्लॉक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जयरामनगर में पंचायत चुनाव के दौरान वोट गिनती को लेकर उठते सवालो पर विराम लग चुका है। विपक्षी प्रत्याशी के द्वारा लगाए गए सारे आरोप सिद्ध होते नजर आ रहे है। क्योंकि गुरुवार को पंचायत चुनाव की री काउंटिंग में हारे हुए प्रत्याशी को जीत का सेहरा पहनाया गया है बताया जा रहा है की जयरामनगर पंचायत में सरपंच महिला सीट के लिए आरक्षित थी, जहां 28 जनवरी को चुनाव हुआ था।
जिसमे गिरजा देवी अग्रवाल ने 90 वोट से जीत हासिल की थी। वही विपक्ष से लीलाबाई शर्मा ने चुनाव लड़ा था। लेकिन वह जीत नही पाई, इधर उन्हें अपनी हार पर यकीन ही नही हुआ। जब वह अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा की थी, जहाँ उन्हें वोटो की काउंटिंग पर गड़बड़ी होने के संकेत मिले थे। लिहाजा चुनाव में हारी हुई, प्रत्याशी लीलाबाई शर्मा ने रिकाउंटिंग के लिए मस्तूरी तहसील ऑफिस में आवेदन प्रेषित किया था।
जिसके बाद कुछ महीनों में ही कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन की स्थिति निर्मित हो गई थी। लिहाजा उनके आवेदन पर उचित कार्यवाही नहीं हो सकी, अब जब मस्तूरी तहसील कार्यालय में कार्य शुरू हुआ है। तो एसडीएम के आदेश पर ग्राम पंचायत जयरामनगर में सरपंच चुनाव की री काउंटिंग का आदेश जारी किया गया था। जिस को मूर्त रूप देते हुए गुरुवार को वोटों की काउंटिंग की गई। जहाँ गहमागहमी के बीच जो निर्णय वोटों के काउंटिंग में सामने आए हैं। उसने जयरामनगर की राजनीति में भूचाल ला दिया है दरअसल हारी हुई प्रत्याशी लीलाबाई शर्मा 26 वोटों से विजय घोषित की गई है और जीत का जश्न मना चुके गिरजादेवी अग्रवाल को हार का सामना करना पड़ा है।
मस्तूरी ब्लॉक के पंचायत चुनावों में क्या वाक़ई हुई है गड़बड़ी..? हारे हुए प्रत्यशियों के उठते सवालो के बीच कई आवेदन खारिज…
ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीति के बदलते अभिप्राय ने मस्तूरी ब्लॉक में कई सवालों को जन्म दिया है। जिसने मस्तूरी ब्लॉक के अंतर्गत होने वाले पंचायत चुनावों को प्रस्तावित करने वालो पीठासीन अधिकारियों के कार्य प्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं क्योंकि गुरुवार को जो निर्णय ग्राम पंचायत जयरामनगर मे री काउंटिंग के दौरान सामने आया है वह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन सवालों को जन्म दे रहा है
सूत्रों की माने तो मस्तूरी ब्लाक के कुछ ग्राम पंचायत चुनाव में वोट काउंटिंग के दौरान भारी अनियमितता बरती गई थी जिसने हारे हुए प्रत्याशी को जीत के ताज तक आसानी से पहुंचा दिया है इन सबके बावजूद मस्तूरी एसडीएम ने कई ग्राम पंचायतों के प्रत्याशियों द्वारा काउंटिंग के लिए किए गए आवेदनों को खारिज कर दिया है जिसमें एरामसाहि जैसे पंचायत शामिल है।