
रमेश राजपूत

बिलासपुर- देश मे लॉक डाउन के दौरान डॉक्टर, पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी अपनी जान की परवाह किये बिना ड्यूटी कर रहें है और लोगों को घरों में रहने हिदायत दे रहे है जिससे इस घातक महामारी से लड़ा जा सके। जहाँ एक तरफ लोगो को धारा 144 और लॉकडाउन का पालन कराने पुलिसकर्मी चौक चौराहों में मुस्तैद है तो वही दूसरी तरफ डाक्टर भी कोरोना संक्रमितों का इलाज करने दिन रात एक कर रहे है न खाने का ठिकाना न घर जाने का समय, यही हाल मीडियाकर्मियों का भी जो अपने परिवार की परवाह किए बिना आमजन तक सही जानकारी देने अपने कर्तव्यों का पालन रहे है। ये सभी उस वक्त ड्यूटीरत है जब सभी अपने परिवार के साथ घर मे सुरक्षित हैक्या ये इंसान नही, क्या इन्हें अपने परिवार की चिंता नही अगर ये सब भी अपनी ड्यूटी छोड़ कर घर में बैठ जाए तो ज़रा सोचिए क्या होगा, शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जो पुलिसकर्मियों के ऊपर पथराव करते है और डॉक्टरों के ऊपर थूक रहे है। पर हद तो तब हो गई जब एक युवक को कुछ लोग इसलिए बेरहमी से पीठ दिए कि उसका पिता न्यूज़ कवर करने जाता है, जिससे कोरोना संक्रमण फैल सकता है। पुलिस पर पथराव, डॉक्टरों पर थूकना और मीडियाकर्मियों के साथ ही उनके परिवार पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ क्यो न सीधे देशद्रोह का अपराध दर्ज होना चाहिए। क्योकि इनके द्वारा किया गया कृत्य राष्ट्रवादी कतई नही है इस घोर आपदा के वक्त अपने घर परिवार का मोह त्याग सिर्फ देशवासियों की रक्षा के लिए अदृश्य दुश्मन को परास्त करने में लगे इन सेवाकर्ताओ के साथ ऐसा बर्ताव इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना है। यह घटना शहर के सीनियर फोटोग्राफर के परिवार के साथ घटित हुई है जो बेहद ही निंदनीय है बुधवार की शाम कुछ असामाजिक तत्व गोपी डे के घर पहुँच गए और उनके पुत्र शुभम डे के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया, इस घटना के बाद बुरी तरह घायल युवक को सिम्स में इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया है वही सरकण्डा पुलिस ने आरोपी सचिन दत्ता,रवि दत्ता, सौरभ दत्ता और चन्दना दत्ता पर धारा 188, 452, 427, 294, 323, 506, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया है।