मल्हार

नगर के महत्वपूर्ण निस्तारी तालाबो के किनारे हो रहा अतिक्रमण….पौराणिक महत्व के नैया व खैया तालाब के अस्तित्व पर संकट के बादल….शिकायत के बावजूद भी नही हो रही कार्यवाही।

हरिशंकर पांडेय

मल्हार – नगर के तालाबो का हो रहा बेतरतीब अतिक्रमण। लोगो के मौखिक शिकायत पर खानापूर्ति के लिए दिया नोटिस पर नही हो रही कार्यवाही। जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले भी बुलंद हो रहे है। आम निस्तारी के प्रमुख में से एक खैया तालाब अतिक्रमण व गंदगी का शिकार हो गया है।वही नगर का हृदय स्थल व व्यवसायिक स्थान मेला चौक भी बेतरतीब अतिक्रमण के चलते ठेला चौक बन गया है। इसके अलावा नगर के विभिन्न सरकारी जमीनें बेजा कब्जा का भेंट चढ़ चुका है।

जिससे नगर का व्यवस्थित विकास प्रभावित हो रहा है हालांकि दिसम्बर 2019 के बाद से ही नगर का विकास थम सा गया है।धर्मनगरी मल्हार की पहचान कहे जाने वाले पौराणिक महत्व के तालाबो की हालत दिनबदिन खराब होती जा रही है, कभी 126 तालाबो की नगरी का तमगा लिए मल्हार में अब गिनती के ही तालाब बचे है उसमें भी अतिक्रमणकारियों की नजर लग रहा है जिससे तालाबो के अस्तित्व पर सवाल उठ रहा है। यहां के कई छोटे बड़े डबरी नुमा तालाब इतिहास के गर्त में समा गए है जिसको लेकर कई बुजुर्ग बताते है कई लोगो खेत से लगे डबरी को पाटकर खेत में ही मिला लिया है। माँ डिडनेश्वरी मंदिर के पास स्थित मंगल भवन के किनारे 36 एकड़ का नैया तालाब है जो नगर के बड़े तालाब में गिनती होती है इस तालाब में मछली पालन के अलावा खेती में सिंचाई के लिए पानी का उपयोग किसान करते है व सैकड़ो लोगो की निस्तारी भी होती है।

साथ ही इस तालाब की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को भी भा जाती है। विगत कुछ वर्षों से तालाब के किनारों को घेरकर बेजा क़ब्जाधारियों ने बाड़ी या फिर मकान बना लिया है और धीरे धीरे तालाब को पाटकर अपना कब्जा भी बढ़ा रहे है जिससे तालाब सिमटते जा रहा है। मंदिर के पास अटल बाजार के पीछे नैया तालाब के पार में 20 से ज्यादा झोपड़ी वर्षो से है जिनको दूसरी जगह जमीन देकर पक्के मकान बनवाने की योजना भी आज तक अधूरी ही है। जिससे तालाब का सौदर्यीकरण भी नही हो पा रहा है। इसी तरह मेला चौक के पास स्थित खइया तालाब के किनारे भी अवैध रूप से झोपड़ियां वर्षो से बनी हुई है जिनको हटाने आज तक कोई पहल ही नही हुआ है। वार्ड 5 के पूर्व पार्षद उदय सिंह कहते कि नगर के आधे से ज्यादा लोगो की निस्तारी खैया तालाब से होती है परन्तु वर्तमान में यह तालाब अतिक्रमण का शिकार हो रहा है लोग तालाब के पार में घर के अलावा शौचालय भी बना रहे है जिससे इसका पानी दूषित हो रहा है।

कई लोग ऐसे भी है जो मिट्टी से पाटकर बाउंड्रीवाल बनाकर घेर रहे है जिससे इस पौराणिक महत्व के तालाब का आकार भी सिमटने लगा है। वही गर्मी शुरू होते ही तालाब सूखने भी लगा है जिससे निस्तारी की समस्या भी हो रही है साथ ही आसपास के बोर भी तालाब में पानी नही होने के कारण सुख चुके है। मोहल्ले के लोगो का कहना है कि एक हफ्ते पहले नहर में पानी छोड़ा गया था जिससे तालाब को भरा जा सकता था परन्तु जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व लापरवाही से नही भरा जा सका, अब लोगो को बरसात आने तक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वही इस तालाब की गहरीकरण की भी आवश्यकता है वर्तमान में पानी की कमी से पूरे तालाब में जलकुंभी फैल गया है जिससे पूरा तालाब कूड़े के ढेर व गन्दगी से अटा पड़ा है। इसके अलावा नगर के विभिन्न बड़े तालाबो का रकबा भी अब अवैध कब्जे के कारण घट रहा है,

अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में निस्तारी के तालाबो को खोजना पड़ जाएगा। इस सबके बीच मंगल भवन के किनारे ही तालाब के पार में वार्ड 12 के एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से अपना पक्का मकान बना रहा है। जिसकी मौखिक शिकायत पिछले दिनों नगर पंचायत कार्यालय में हुई थी। इस तालाब के किनारे लोगो ने एक दूसरे की देखा देखी से सड़क किनारे ही कब्जा करने मिट्टी डालकर अपनी जगह सुनिश्चित भी कर लिया है। खुलेआम हो रहे तालाबो के किनारे कब्जे को लेकर जनप्रतिनिधियों का रवैया भी समझ से परे है। कोई भी सामने आकर इन पर कार्यवाही करने की हिम्मत नही कर रहा है जिससे आम लोगो मे खासा आक्रोश भी देखा जा रहा है। शिवसेना के पूर्व पार्षद प्रत्यासी मिथुन यादव का कहना है कि नगर के तालाबो के किनारे हो रहे बेतरतीब अतिक्रमण से तालाबो के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है,

प्रशासन ने समय रहते कार्यवाही नही तो निस्तारी व पौराणिक महत्व के सरोवरों को ये अतिक्रमणकारी निगल जाएंगे, इसलिए जरूरी है कि नगर के युवा वर्ग सामने आकर विरोध करे। नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल कैवर्त कहते है कि उनको जानकारी है और नगर पंचायत के तरफ से नोटिस भी दिया गया है विधवत कारवाही जल्द होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि खैया तालाब को नहर के पानी से भरने नाली बनवाया जा रहा है इसलिए इस बार नहर से तालाब की भरना सम्भव नही था। सीएमओ किरण पटेल का कहना है कि तालाब किनारे अवैध कब्जे की लिखित शिकायत अब तक नही मिली है फिर भी मामला संज्ञान में आने के बाद सभी को नोटिस दिया गया है साथ ही इस बारे में मस्तूरी एसडीएम में भी चर्चा करेंगे।

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