
डेस्क

अरपा नदी में भैसाझार में बना अरपा भैंसाझार बैराज इन दिनों लबालब है। क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से जलस्तर 302 मीटर तक जा पहुंचा, जिसके बाद शनिवार दोपहर 11:00 बजे के करीब 7 गेट खोल दिए गए इससे अचानक अरपा नदी में पानी का तेज बहाव होने लगा। जलस्तर घटने पर दो गेट बंद कर दिए गए। वहीं रविवार को भी लगातार हो रही बारिश में बैराज के पांच गेट खुले रहे । खुले गेट से तेज गति से बहते पानी का गर्जन पर्यटकों को भी आकर्षित कर रहा है । इस नजारे को देखने लोग अब बैराज क्षेत्र में पहुंचने लगे हैं। केचमेंट एरिया पूरी तरह लबालब है और यहां खुटाघाट बाढ़ से भी अधिक पानी इकट्ठा हो चुका है। एक तरफ जहां नहर से लगातार पानी बिल्हा क्षेत्र के लिए छोड़ा जा रहा है वहीं समय-समय पर जल स्तर बढ़ने पर बैराज के गेट खोलकर अरपा नदी में भी पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे बिलासपुर में भी अरपा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। शनिवार को पानी के शनिचरी रपटा के ऊपर बहने की आशंका से इस पर से आवाजाही तक बंद कर दी गई थी। वही भैंसाझाड़ स्थित बैराज अब धीरे-धीरे पर्यटन केंद्र का रूप लेने लगा है। लोग बैराज और पानी देखने पहुंच रहे हैं।

फिलहाल यहां बैराज का पहला वर्ष है और प्रक्रिया टेस्टिंग के दौर से गुजर रही है । लेकिन यहां पर्यटन क्षेत्र विकसित हो सकता है जिसके मद्देनजर आने वाले दिनों में काम किया जाना है। फिलहाल यहां एक हट तैयार किया गया है। साथ ही रेस्ट हाउस का निर्माण जारी है । आसपास वृहत पैमाने पर वृक्षारोपण और उद्यान विकसित करने की योजना है। यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मानना है कि यहां पर्यटन की अपार संभावना है। जल संसाधन विभाग इस दिशा में भी काम करता है तो भैसाझार एक बड़ा पर्यटन केंद्र बनकर उभर सकता है।

अरपा भैंसाझार परियोजना क्षेत्र की किस्मत बदल सकती है । एक तरफ जहां इससे किसानों को बड़े पैमाने पर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा वही यहां इकट्ठा विशाल जल स्रोत पर्यटकों को भी लुभा रहा है और अगर यहां एक पर्यटन केंद्र विकसित होता है तो आसपास रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे , जिसे लेकर काम करने की आवश्यकता है।