
रमेश राजपूत
पामगढ़ – रिश्ते लिबास नहीं हो सकते, ये बसते हैं दिलों में,, जो जिस्म पे सजते हैं, वो रिश्ते नहीं होते। आज हम ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां रिश्ते केवल लिबास तक सीमित हो गये हैं। उनकी कोई एहमियत नहीं रह गई है। इंसानी रिश्तों का मनोविज्ञान बिल्कुल बदल चुका है। आज हर रिश्ता असंवेदनशील हो चुका है। रिश्ते की ओर से कब कौन सा रिश्ता नापाक हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता। एक ऐसा ही रिश्तों को तारतार करने वाला मामला पामगढ़ थाना क्षेत्र में देखने को मिल है। जहाँ एक पिता ने अपने ही पुत्र की हत्या कर पिता और पुत्र के बीच के पाक रिश्ते को नापाक कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार यह पूरा घटना क्रम पामगढ़ के ग्राम भैसों का है। जहाँ रहने वाले 62 वर्षीय मनहरण साहू ने बीते रात करीब 9 बजे अपने 27 वर्षीय पुत्र बिरशाय साहू को डंडे से पीट कर मौत के घाट उतार दिया है। घटना के कुछ घन्टे बाद कलयुगी पिता को अपने को अपनी गलती का ऐहसास हुआ है। फिर उसने खुद ही पामगढ़ थाने पहुँच अपने आप को सरेडर कर दिया है। और घटना की जानकारी पुलिस को दी है। इधर हत्या के जांच के लिए स्थानीय पुलिस शुक्रवार को मृतक के घर पहुँची। जहाँ पंचनामा कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है आरोपी पिता मनहरण साहू और मृतक बेटे बिरशाय साहू के बीच गुरुवार दोपहर से ही किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। गुरुवार रात में भी पिता पुत्र के बीच जमकर विवाद हुआ। फिर घरेलू विवाद ने ही पिता को इसकदर विचलित किया कि वह रिश्तों की एहमियत भूलकर हत्यारा बन बैठा। यह कोई पहली घटना नही जहाँ रिश्तों को ताक पर रखकर हत्यायें हो रही हैं, कुकर्म हो रहे हैं। किसी पर कोई यकीन करे तो कैसे। एक तरफ तो शिक्षा, विकास और प्रगति के लिए वैश्वीकरण की बात की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ हम अपने आप में सिमटते जा रहे हैं।
जिसको लेकर जागरूकता की कमी ही इन घटनाओं के पीछे की एक प्रमुख वजह बनी हुई है।