
हरिशंकर पांडेय
मल्हार – सैकड़ो लिखित शिकायतों व मौखिक जानकारी देने के बावजूद भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ सत्ता में बैठे नेता भी ध्यान नही दे रहे है। जिसके कारण स्थानीय व क्षेत्रीय लोगो में आक्रोश देखा जा रहा है। नगर के बस स्टैंड स्थित प्रवेश द्वार से माता डिडनेश्वरी मंदिर तक के इस डेढ़ किलोमीटर के सड़क को सुव्यवस्थित बनाने व चौड़ीकरण की मांग वर्षो से हो रही है जिसके लिए नगरवासियो ने कई बार सम्बंधित अधिकारियों को ज्ञापन भी दिए इसके अलावा पूर्व व वर्तमान विधायक तथा सांसद को भी जानकारी दी गई थी इसके बावजूद भी ध्यान नही देना यह बात समझ से परे है।
ऐसा भी नही है कि इस जर्जर हो चुके मुख्य मार्ग की जानकारी किसी को नही है कलेक्टर, कमिश्नर, सांसद , विधायक सहित सभी अधिकारियों को आनाजाना इसी मार्ग से होता है क्योंकि यह मल्हार का इकलौता मुख्य मार्ग है जहां से सभी प्राचीन मंदिरों व आसपास के कई गांवों के साथ जांजगीर जिले को भी यह मार्ग जोड़ता है। इन सबके बावजूद भी उदासीनता बरतने व उपेक्षा करने से नाराज लोगो को उग्र आंदोलन करने बाध्य किया जा रहा है। नगरवासियो की शुरू से ही सबसे बड़ी मांग यही रही कि इस मुख्य को सुव्यवस्थित तरीके से चौड़ीकरण कर बनवा दिया जाए जिसके लिए भाजपा की नई सरकार बनने के बाद नगर प्रवास पर आए मंत्रियों को आग्रह भी किया जा चुका है।
पुरावैभव कि लिए विख्यात मल्हार की घोर उपेक्षा हो रही है। पर्यटन स्थल घोषित होने के 13 वर्ष बाद भी पर्यटकों को यहां से मायूस होकर जाना पड़ता है क्योंकि यहां विभाग के द्वारा कोई भी काम नही किया गया जिससे पर्यटकों को लुभाया जा सके। लोगो का मानना है कि दशकों से बस स्टैंड के प्रवेश द्वार से माता डिडनेश्वरी मंदिर तक चौड़ीकरण की मांग कर रहे है परन्तु आज तक किसी राजनीतिक पार्टी ने इस अतिआवश्यक मांग पर अमल करने ईमानदारी से प्रयास नही किया।
नतीजतन ऐतिहासिक धरोहरों से परिपूर्ण मल्हार आवागमन के सुलभ मार्ग नही होने का दंश झेल रहा है। पुरावैभव की इस नगरी का एकमात्र मुख्य मार्ग अत्यंत ही संकीर्ण है जिससे पर्यटकों सहित नगर के लोगो व अन्य गाँव जाने वाले लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है इन विकट समस्या से निजात पाने कई बार प्रयास किये गए परन्तु राजनीतिक उदासीनता के कारण सफलता नही मिली।
गुरुवार से नवरात्र पर्व प्रारंभ हो रहा है जिसमे हजारो श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुचेंगे ऐसे में दर्शनार्थियों को भी रास्ते के बड़े बड़े गड्डो से होकर गुजरना पड़ेगा साथ ही मुख्य मार्ग के संकीर्ण होने के कारण वाहनों की लंबी कतार भी लगेगी और सड़क जाम की स्थिति बनेगी।