
उपस्थित श्रमिकों की समस्याओं के निदान के लिये विधिक सलाह भी दी गई
ठा. उदय सिंह
1 मई श्रमिक दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा एक दिवसीय श्रमिक विधिक साक्षरता अभियान चलाया गया। जिसमें शहर के प्रमुख श्रमिक बहुल क्षेत्रों, बाजार हाटों में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रचार वाहन के द्वारा श्रमिकों को उनके अधिकारों एवं कानून की जानकारीयुक्त पाम्पलेट्स का वितरण किया गया एवं श्रमिकों को उनके विधिक अधिकारों एवं उसको प्राप्त करने के संबंध में जानकारी भी प्रदान की गई।
यह अभियान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव विवेक कुमार तिवारी के निर्देशानुसार विधिक सहायता अधिकारी शशांक शेखर दुबे द्वारा पैनल अधिवक्ता सत्येन्द्र केशरवानी, पैरालीगल वाॅलिंटियर्स राघवेन्द्र सिंह एवं जयगोविंद शर्मा के सहयोग से चलाया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा 1 मई को ही ग्राम देवरी तहसील तखतपुर में श्रमिक दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक वर्ग के पुरूष एवं महिलाएं उपस्थित थे।
शिविर में बृजेश राय, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर ने उपस्थित श्रमिकों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमिक देश की एक महत्वपूर्ण इकाई है। श्रमिक द्वारा सभी श्रममूलक कार्य सम्पन्न होते है। यदि श्रमिक न रहे तो देश का विकास संभव नहीं है। प्रत्येक श्रमिक को 8 घंटे कार्य करना चाहिये। श्रमिकों के लिये शासन द्वारा अनेक योजनायें की जानकारी देते हुए मजदूरी संदाय अधिनियम 1936, समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976, प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम 1961, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948, बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनिमयन अधिनियम 1986, कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 एवं राष्ट्रीय बाल श्रम योजना की जानकारी दी गई। उपस्थित श्रमिकों की समस्याओं के निदान के लिये विधिक सलाह भी दी गई।