राजपूत
सक्ति – थाना क्षेत्र के ग्राम चिस्दा निवासी नाथ जलतारे के द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी की उनकी लड़की अनुपमा जलतारे उम्र 26 साल जो ग्राम सराईपाली सक्ती में सी एच ओ के पद पर पदस्थ थी अपने भाई कालेश्वर के साथ कल सक्ती गई थी लगभग 07:30 बजे चौपाटी के पास से लापता हो गई थी रात लगभग 09:38 बजे अज्ञात व्यक्ति के द्वारा लड़की के मोबाईल से उसके भाई डेगम्बर को फोन कर 15 लाख रूपये फिरौती की मांग की गई थी नही देने पर जान से मारकर बोरी में भरकर फेंक देने की धमकी दी थी घटना की सूचना 28.06. 2024 को 12:00 बजे प्राप्त होने पर थाना प्रभारी सक्ती के द्वारा एसपी अंकिता शर्मा को अवगत कराया गया। प्रकरण की गंभीरता एंव फिरौती की मांग को देखते हुये पुलिस अधीक्षक के द्वारा संवेदन शीलता का परिचय देते हुये तत्काल सायबर सेल प्रभारी एवं सक्ती पुलिस की 04 टीमों का गठन कर डिजिटल एवं मैनुवल आधार पर तलाश हेतु कोरबा, बिलासपुर, सक्ती रवाना किया गया तथा किसी भी तरह से सुरक्षित रूप से लड़की को बरामद करने का निर्देश दिया गया, जिसके आधार पर सक्ती पुलिस एवं बिलासपुर जिला पुलिस की मदद से मात्र 04 घण्टे के अंदर अपहृता अनुपमा जलतारे को उसके साथी महेद्र जांगड़े के साथ होटल स्वर्णभूमि देवनंदन नगर सरकंडा बिलासपुर से बरामद किया गया। विवेचना दौरान पाया गया कि अपहृता अनुपमा जलतारे अपने साथी महेन्द्र जांगडे के साथ मिलकर दिनांक 27.06.2024 को लगातार मोबाईल से बात करके षडयंत्र पूर्वक महेन्द्र जांगडे को कोरबा से चौपाटी सक्ती के पास बुलाई और अपने छोटे भाई कालेश्वर को ठण्डा पानी लाने के बहाने भेज दी जब भाई वापस आया तो वह नही थी। उसके भाई द्वारा फोन लगाने पर फ्लाइट मोड मे करके महेन्द्र जांगडे के नीला सफेद रंग के टी०व्ही०एस० अपाचे बाईक क्रमांक सी. जी 28 एल 0149 में बैठकर बाराद्वार होते हुये बिलासपुर चली गई, रात्रि करीब 09:38 बजे अनुपमा द्वारा अपने मोबाईल नम्बर से महेन्द्र जांगडे के माध्यम से अपने भाई डेगम्बर को फोन कर 15 लाख की फिरौती की मांग किया गया एवं दिनांक 28.06. 2024 के 11:00 बजे तक 15 लाख के व्यवस्था करके रखने एवं नही देने पर अनुपमा को मार देने की धमकी दिया गया एवं पैसा छोडने का समय 11:00 बजे बताना बोला गया। डेगम्बर द्वारा महेन्द्र को फोन लगाने पर उसके मोबाईल में भी अपहरणकर्ता द्वारा पैसे की मांग करना बताया। दिनांक 28.06.2024 को पुनः अनुपमा के मोबाईल से महेन्द्र जांगडें द्वारा उसके भाई को डेगम्बर को पैसा नही देने पर मार कर बोरी में भेजने की बात किया गया तथा अनुपमा द्वारा भी अपने भाई को रोते हुये अपने आप को परेशान होने की बात की गई। विवेचना दौरान इलेक्ट्रानिक डिजिटल एवं मैनुवल साक्ष्य के आधार पर पाया गया की महेन्द्र जांगडेऔर अनुपमा जलतारे एक साथ थे अनुपमा जानती थी कि उनके घर वाले 15 लाख की ब्यवस्था नही कर पायेंगे फिर एक दो दिन बाद महेंद्र जांगडे के साथ अपने घर आती और बताती कि अपहरणकर्ताओ को महेंद्र जांगडे पैसा देकर उसे छुडवाया है अपने घरवालो की नजरो मे महेंद्र जांगडे को अपने लिए शादी के लिए उपयुक्त लडका साबित करने के लिए अनुपमा द्वारा झुठी अपहरण एवं फिरौती मांगने की घटना की कहानी षड़यंत्र पूर्वक रचा गया। अपने साथी महेन्द्र जांगडे के माध्यम से 15 लाख की फिरौती मांगी गई। प्रकरण में धारा 120 (बी), 384 भादवि जोडी गई है एवं दोनों को विधिवत गिरफ्तार किया गया है।