उदय सिंह
बिलासपुर – जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा बड़ी समस्या बन चुकी है, गिनती के गौठान और बड़ी संख्या में मवेशी इसका को निराकरण नही निकल पा रहा है, पशुपालकों को भी शासन प्रशासन की अपील का कोई असर नही हो रहा है, नतीजा यह हो रहा है कि चारो तरह सड़को पर मवेशी ही मवेशी देखने को मिल रहे है। दिन में हालात काबू में होते है लेकिन जैसे ही अंधेरा होता है, मवेशियों की जान के साथ सड़क पर निकलने वाले लोग भी दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है।
मस्तुरी क्षेत्र के गांवों के पास हालात बद्तर…
दर्रीघाट,मस्तुरी,वेदपरसदा,टिकारी, बकरकूदा, चकरबेड़ा, मल्हार, करियाताल,बिनौरी ध्रुवाकारी,पचपेड़ी,पताईमोड़ चिल्हाटी, चिस्दा, जोंधरा तक बीच सड़क पर मवेशियों की जमवाड़ा रहता है जिससे हर रोज सड़क हादसे हो रहे है।
भारी वाहनों की चपेट में आ रहे मवेशी..
सड़को पर लगातार हादसे हो रहे है जिसमें भारी वाहनों की चपेट में आने वाले मवेशियों की मौत हो रही है, सिरगिट्टी क्षेत्र में ही मंगलवार- बुधवार की रात 9 मवेशियों की मौत हो गई, वही अन्य मार्गो में भी रोजाना हादसे हो रहे है।
प्रशासन कर रही अपील..लगाया जा रहा जनचौपाल
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश एवं मुख्य सचिव के निर्देश पर जिले के प्रमुख नेशनल और स्टेट राजमार्गों में घुमन्तू पशुओं के कारण होने वाली आकस्मिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिले में निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए पशुपालकों को प्रेरित करने एवं उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु जिले के चिन्हांकित क्षेत्रों में जनचौपाल का भी आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जिले के राष्ट्रीय राजमार्ग क. 130 अंतर्गत दर्रीघाट वि.खं. मस्तूरी एवं सेंदरी विखं बिल्हा को चिन्हित किया गया है। यहां जनचौपाल का आयोजन कर पशुपालकों को समझाईश देते हुए इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। अब तक 10 गांवों में जन चौपाल का आयोजन किया गया है। इसी प्रकार 69 गांवों में जनचौपाल के लिए तिथियां निर्धारित कर ली गई है।
जनचौपाल के तहत मस्तूरी ब्लॉक के दर्रीघाट गांव में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पशुपालकों की उपस्थिति में 2 एवं 9 जुलाई को तथा सेंदरी में 15 जुलाई को जनचौपाल का आयोजन किया गया, जिसमें पशुपालकों को घुमन्तू पशुओं को सड़क पर छोड़े जाने से होने वाले समस्याओं से अवगत कराने के साथ साथ पशुओं को सड़कों पर नहीं छोड़ने हेतु अपील एवं समझाईश दिया गया, जिससे घुमन्तू पशुओं के कारण सड़कों में होने वाली समस्याओं में कमी आ सकेगी। इस संबंध में सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों के द्वारा विभागीय योजनाओं के लाभ तथा इससे आवारा पशु नियंत्रण में प्रभावी उपयोग पर जानकारी दी गयी जिसका सकारात्मक प्रभाव ग्रामीणों एवं पशुपालकों पर पड़ा तथा आवारा पशुओं के नियंत्रण के संबंध में ग्रामीणों द्वारा सुझाव भी दिये गये ।
इसी क्रम में जिले के चारों ब्लॉक के सीईओ द्वारा विकासखंडवार चिन्हांकित ग्रामों में जनचौपाल आयोजन हेतु तिथिवार कार्यक्रम जारी किया गया है।