
पुलिस कर्मियों के लिए मतदान करने की विशेष व्यवस्था बिलासपुर के पुलिस लाइन स्थित पुलिस कल्याण स्वास्थ्य केंद्र में की गई है जहां पुलिसकर्मी शुक्रवार और शनिवार को अपने मतदान मताधिकार का करेंगे प्रयोग
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
तीसरे चरण के लिए बिलासपुर में 23 अप्रैल को मतदान की प्रक्रिया पूरी होगी, लेकिन इससे पहले शुक्रवार को बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के पुलिसकर्मियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया ।23 अप्रैल को मतदान ड्यूटी में तैनात होने की वजह से ये पुलिसकर्मी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाएंगे। पुलिसकर्मी भी मतदान से वंचित ना हो इसलिए निर्वाचन आयोग द्वारा उनके लिए भी डाक मतपत्र से मतदान करने की विशेष व्यवस्था की है, जिसके लिए प्रारंभ में सभी पुलिसकर्मियों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। हालांकि चुनाव ड्यूटी में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों ने आवेदन नहीं दिया और कुछ पुलिसकर्मियों के आवेदन तकनीकी ड्यूटी की वजह से निरस्त हो गए ।फिर भी 1338 पुलिस कर्मियों के लिए शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित पुलिस कल्याण स्वास्थ्य केंद्र में मतदान की व्यवस्था की गई ,जहां पहुंचे पुलिसकर्मियों ने निर्धारित डाक मतपत्र मैं अपने पसंदीदा उम्मीदवार को मत देते हुए डाक पत्रों को वैलेट बॉक्स में डाला ।
चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पुलिसकर्मियों की ड्यूटी अलग अलग बूथों में होती है, इसलिए अन्य सरकारी कर्मचारियों की तरह पुलिसकर्मी भी अपना वोट नहीं डाल पाते ।पिछले कुछ वर्षों से चुनाव के दौरान, चुनाव ड्यूटी पर तैनात सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डाक मतपत्र की व्यवस्था की गई है, जिसका उपयोग करते हुए शुक्रवार को 1338 मतदाताओं में से 205 पुलिसकर्मियों ने मतदान किया।
बिलासपुर के पुलिस लाइन में सुबह से लेकर दोपहर तक मतदान करने की प्रक्रिया चलती रही। शुक्रवार के अलावा शनिवार को भी यहां पुलिसकर्मी डाक मतपत्रों से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे । पहले दिन मात्र 205 पुलिसकर्मियों ने ही मतदान किया। एक तरफ जिला प्रशासन द्वारा मतदान के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि शत-प्रतिशत मतदान संभव हो सके, लेकिन निर्वाचन प्रक्रिया का हिस्सा होने के बावजूद पुलिसकर्मियों में मतदान को लेकर खास रूचि नजर नहीं आई ।पहले दिन मात्र 15 प्रतिशत मतदान हुआ जिसे देखते हुए लगता नहीं कि शनिवार को भी यहां मतदान शत प्रतिशत होगा। लगता है जिला प्रशासन आम आदमियों को मतदान के प्रति जागरूक करते करते सरकारी कर्मचारियों को इस दिशा में जागरूक करना भूल गई।