
ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि यह तापमान कोनी के उस स्थान पर दर्ज किया जाता है जहां हरियाली और पानी है ,इसलिए वहां तापमान में एक से दो डिग्री का अंतर होना सामान्य बात है
उदय सिंह
शनिवार 25 मई से नौतपा की शुरुआत हो रही है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह वर्ष के सर्वाधिक गर्म 9 दिन होते हैं, जिस का आकलन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रोहिणी नक्षत्र के आधार पर किया जाता है। इस बार 25 मई सुबह 10:33 पर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे । जिसके साथ ही नौतपा की शुरुआत होगी और 3 जून नौतपा का आखरी दिन होगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस दौरान सूर्य मंगल, बुध का शनि से समसप्तक योग होने से धरती के तापमान में भारी बढ़ोतरी होगी। वैसे तो सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों तक रहते हैं , लेकिन शुरुआत के 9 दिनों को ही नौतपा माना जाता है। भले ही यह माना जाता है कि नौतपा सर्वाधिक गर्म दिन होते हैं लेकिन पिछले दो दिन बिलासपुर ने बड़ी मुश्किल से सहे है । बुधवार शाम को अचानक हुई बारिश के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि तापमान में कमी आएगी ,लेकिन हुआ उलट। गुरुवार सुबह से लोगों ने तेज गर्मी का एहसास किया और तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
तो वही शुक्रवार का दिन इस वर्ष का सर्वाधिक गर्म दिन रहा । इस दिन तापमान 47 डिग्री तक जा पहुंचा। सुबह से ही लोगों ने झुलसा देने वाली गर्मी का एहसास किया । दोपहर में तो सड़क पर निकलना ही मुहाल हो गया। बाहर निकलने पर ऐसा एहसास हो रहा था मानो आसमान से अंगारे बरस रहे हो। लोगों ने खुले में खुद के किसी तंदूर में तपने का अनुभव किया । तेज गर्मी की वजह से धरती के ऊपर और भीतर दोनों का पानी सूख चुका है । पेड़ों की हालत भी दयनीय है ।परिंदे प्यास और गर्मी के मारे अपनी जान गवा रहे हैं। बिलासपुर में पहले तापमान इस कदर भयावह नहीं हुआ करता था ,लेकिन तेजी से हुए शहरीकरण और एनटीपीसी थर्मल पावर के आरंभ होने के बाद से ही बिलासपुर में भीषण गर्मी पड़ने लगी है। ऐसा लगने लगा है कि अब यहां गर्मी के दिनों में सामान्य जीवन व्यतीत करना असंभव हो रहा है। आने वाले दिनों में लोग यहां से पलायन कर जाए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। एक तो इस शहर में पानी नहीं बचा और अब तेज गर्मी भी लोगों को सामान्य जीवन जीने से रोक रही है । वैसे भी वर्ष में करीब 9 से 10 महीने यहां गर्मी पड़ती है ,लेकिन मई के अंतिम दिनों में जिस तरह की गर्मी पड़ रही है ,वह मानव जीवन के लिए असहनीय है । पशु पक्षियों के लिए तो हालात और भी बदतर है। वैसे यह भी देखा गया है कि नौतपा के दौरान हर दिन शाम को हल्की बूंदाबांदी होती है ।
वैसे भी ज्योतिष शास्त्र में नौतपा के दौरान हुई बारिश से ही वर्षा ऋतु का आकलन किया जाता है । ऐसा माना जाता है कि इस दौरान अगर बारिश होती है तो फिर मानसून कमजोर होता है, इसलिए आने वाले 9 दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे। मौसम विज्ञानियों ने तापमान में और बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं तो वहीं चिकित्सक लू से बचने और डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए अधिक से अधिक पानी पीने और दोपहर में बाहर नहीं निकलने की सलाह दे रहे हैं। शुक्रवार को कई मोबाइल ऐप में तापमान 47 डिग्री दर्ज किया गया। लेकिन आधिकारिक रूप से मौसम विज्ञानी 46 डिग्री के आसपास तापमान बता रहे हैं । ऐसा शायद इसलिए है क्योंकि यह तापमान कोनी के उस स्थान पर दर्ज किया जाता है जहां हरियाली और पानी है ,इसलिए वहां तापमान में एक से दो डिग्री का अंतर होना सामान्य बात है।