हरिशंकर पांडेय
मल्हार – धान फसल के कीमत को लेकर किसान भले ही संतुष्ट है परन्तु इस वर्ष प्रायः अधिकांश किसानों के फसल कीटो के प्रकोप से बुरी तरह से प्रभावित हुए है। किसानों का मानना है कि धान फसल की कीटो पतंगों से इतनी दुर्गति कभी नही हुई थी, बहुतायत किसानों का धान उत्पादन आधे से भी कम हुआ है। जिससे किसानों को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ गया। धान बुआई के बाद किसान अपनी फसल बचाने अमूमन एक अथवा दो बार ही कीटनाशक दवाओं का उपयोग करते थे जिससे फसल को नुकसान से बचा लेते थे पर इस बार धान बुआई से लेकर कटाई तक 4 से 5 बार कीटनाशक दवाओं का उपयोग किसानों ने की इसके बावजूद भी धान में लगी बीमारी दूर नही हुई जिससे फसल 50 प्रतिशत तक प्रभावित हो गया। इस वर्ष के खरीफ धान फसल में लगी विभिन्न बीमारियों को लेकर कृषि वैज्ञानिकों व विभाग के अधिकारियों को एडवाइजरी भी जारी करना पड़ गया था जिसमे उन्होंने धान में लगे कीटो की पहचान कर उपयोगी दवा का छिड़काव करने तथा फसल की सतत निगरानी के साथ ही समय समय पर कृषि के जानकारों के अनुसार उपचार करने हिदायत दी गई थी। धान फसल लगने के बाद सबसे पहले शिथ ब्लाइट तथा तनाछेदक का अटेक हुआ था जिसमे किसान उबर ही नही पाए थे कि समय से पहले माहो का अटैक हो गया साथ ही तनाछेदक और शिथ ब्लाइट रिपीट हो गया। इस भयावहः स्थिति को किसान समझ नही पा रहे थे इसी बीच पेकनिकल माईट का प्रकोप बहुत तेजी से बढ गया, किसान बार बार दवाई छिड़काव करते रहे पर बीमारियां कम नही हुई। जिसका परिणाम तब देखने को मिला जब किसान अपनी फसल की मिंजाई कर रहे थे वे उत्पादन देखकर हतप्रभ रह गए, कुछ किसानों ने सारी पूंजी लगाने के बाद भी लागत नही निकाल पाए तो किसी किसान का उत्पादन 50 प्रतिशत से भी कम हो गया। इस साल लिमिट से ज्यादा कीटनाशक दवाई के प्रयोग होने के कारण दवाओ का स्टॉक भी खत्म होने से कगार पर आ गया था।
अन्नदाता ही होते है सबसे ज्यादा परेशान…
राज्य व केंद्र सरकारों ने अन्नदाताओं की बेहतरी व फसल उत्पादन बढ़ाने विभिन्न योजनाए चला रही है जिससे पहले के मुकाबले अब किसान धान फसल की मिल रही कीमत को लेकर आश्वस्त है परन्तु किसानों को कई तरह की चुनौतीयो से जीतकर भी आना पड़ता है। विगत कई वर्षों से खुले में घूम रहे मवेशियों से फसल बचाने जूझ ही रहे थे इसी बीच इस बार भयावह रूप लेकर आए किट पतंगों ने किसानो की कमर तोड़ दी। इसी तरह मौसम में हो रहे बदलाव भी किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है।।
धान खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नही होगा….
बताया जा रहा है कि इस वर्ष बिलासपुर जिले के अलावा अन्य जिलों में भी धान फसल प्रभावित हुआ है। ऐसे में समर्थन मूल्य में हो रही धान खरीदी का लक्ष्य भी पूरा नही हो पाएगा।