
रमेश राजपूत
बिलासपुर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में दो विदेशी नागरिकों सहित 26 लोगों की हत्या से पूरा देश स्तब्ध है। इस अमानवीय घटना के विरोध और मृतकों को श्रद्धांजलि देने शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में शोकसभा आयोजित की गई। सभा में शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवता पर हमला बताया। वक्ताओं ने सरकार के साथ खड़े होने की बात कही और मीडिया की भूमिका को लेकर गंभीर चर्चा की। वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान अवस्थी ने पत्रकारों से लेखनी में सावधानी बरतने की अपील की और सौहार्द बनाए रखने पर बल दिया।
वरिष्ठ पत्रकार सतीश जायसवाल ने अफवाहों और निचले स्तर पर फैले नरेटिव से सावधान रहने की आवश्यकता जताई। उन्होंने खुफिया एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिलासपुर की तासीर बनी रहनी चाहिए। इवनिंग टाइम्स के संपादक नथमल शर्मा ने इसे देश की संप्रभुता पर हमला करार दिया और कहा कि अब सवाल पूछने से ज़्यादा ज़रूरी है शांति बनाए रखना। वरिष्ठ पत्रकार राजेश अग्रवाल ने मीडिया की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा कि ऐसे समय में पत्रकारों को संयम व समझदारी से काम लेना चाहिए। राजेश दुआ ने इस हमले को भारत-पाक के बीच सीधी लड़ाई करार दिया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की बात की।
पत्रकार निर्मल माणिक ने प्रधानमंत्री के भाषण में पाकिस्तान का ज़िक्र न किए जाने की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि सरकार जो भी कदम उठा रही है, उसमें सबको साथ होना चाहिए। सभा में उपस्थित सभी पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी और देश में भाईचारा बनाए रखने की अपील की।