
इससे तो बेहतर यही होगा कि सरकार पूरी तरह शराब बंद कर दे तो फिर शायद गरीबों को खैरात बांटने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता तो उसके बाद उसने पूरा श्रेय किसानों की कर्ज माफी को दे दिया, लेकिन कांग्रेस के नेता शायद भूल गए कि जिस वक्त टीएस सिंह देव बाबा जन घोषणा पत्र तैयार करने के लिए गांव गांव शहर शहर घूम रहे थे तो महिलाओं ने हर जगह उनसे शराबबंदी का निवेदन किया था। शराबबंदी, कांग्रेसी घोषणा पत्र की बड़ी घोषणा थी, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद कांग्रेस ने इसे जरूरी नहीं समझा और शराब लगातार जिंदगियां निकल रही है। धार्मिक क्षेत्र रतनपुर के पास रानी गांव में रहने वाला राधे लाल गोड़ आदतन शराबी था। रोज ही शराब पीकर वह घर आता था। पिछले कुछ दिनों से वह शिकायत कर रहा था कि उसके पेट में तेज दर्द हो रहा है, लेकिन फिर भी शराब की आदत ऐसे लग चुकी थी कि दर्द के बावजूद शराब पिए बगैर वह नहीं रह पाता था ।सोमवार की सुबह भी उसने कहा कि उसके पेट में तेज दर्द हो रहा है और वो आराम करने के लिए लेट गया। दिन भर लेटे रहने के बाद जब वो शाम को भी नहीं उठा तो परिजनों को उसकी चिंता हुई और उसे बीमार समझकर वे उसे लेकर रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन जांच करते ही डॉक्टर ने बताया कि राधे लाल की मौत हो चुकी है ।अधिक शराब पीने की वजह से राधेलाल की मौत होने की बात कही जा रही है। ऐसे ही ना जाने कितने राधेलाल रोज शराब की वजह से अपनी जान गवा रहे हैं। तो वहीं उनका परिवार दाने-दाने को तरस रहा है। राजस्व के नाम पर गरीब परिवारों को तबाह करने की यह भला कैसे योजना है, कि शराब बेचकर सरकार पैसा कमाए और वही पैसा वापस गरीबों को बांट कर वाहवाही लूटे। इससे तो बेहतर यही होगा कि सरकार पूरी तरह शराब बंद कर दे तो फिर शायद गरीबों को खैरात बांटने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।