
जुगनू तम्बोली
रतनपुर -आदिवासी सेवा सहकारी समिति मर्यादित चपोरा से 22 किसानों की ऋण पुस्तिका गुम हो जाने एवं न्यायालय के आदेश का पालन न किए जाने के विरोध में क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसानों का कहना है कि समिति के 22 कृषकों की ऋण पुस्तिकाएँ लंबे समय से गायब हैं, जिसकी शिकायत वे बार-बार संबंधित अधिकारियों से कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। किसानों ने इस संबंध में दो बार जिला कलेक्टर, एक बार अनुविभागीय अधिकारी (रा.) कोटा, तथा तहसीलदार एवं थाना रतनपुर को आवेदन दिया था। बावजूद इसके, हल्का पटवारी क्रमांक 03 द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया। किसानों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की अनदेखी और उदासीन रवैये से सभी परेशान हैं और न्याय के लिए भूख हड़ताल करने को मजबूर हुए हैं। आज दिनांक 20 अगस्त को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक क्रमिक भूख हड़ताल की गई। इसमें किसानों ने शांतिपूर्वक तहसील कार्यालय रतनपुर के बाहर बैठकर अपनी मांगों को दोहराया। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में प्रमुख रूप से हेमकुमारी पति पंचराम मरावी निवासी ग्राम घासीपुर, तहसील रतनपुर तथा शिवकुमार पिता गुहाराम विश्वकर्मा, निवासी ग्राम लालपुर, तहसील रतनपुर शामिल रहे। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही ऋण पुस्तिका उपलब्ध नहीं कराई गई और न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित नहीं हुआ, तो वे आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए बाध्य होंगे।
किसानों ने बताया ऋण लेने के नाम पर जमा कराई गई थी ऋण पुस्तिका..

मामले में एक और गंभीर मनमानी सामने आई है पीड़ित किसानों ने बताया कि कृषि के लिए समिति से उन्हें ऋण लेना था जिसके लिए सभी दस्तावेज के फोटो कॉपी जमा कराई गई साथ ही ऋण पुस्तिका की मूल प्रति भी जमा कर ली गई फिर जब किसान अपनी ऋण पुस्तिका की मांग करते तो बैंक में है यहाँ नही है बोला गया और जब बैंक से जानकारी ली गई तो पता चला वहाँ ऋण पुस्तिका जमा नही की जाती है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि समिति से ही ऋण पुस्तिका गायब की गई है अब इसके पीछे क्या साज़िश है और उसका दुरूपयोग किया जा रहा यह तो गंभीर मामला है लेकिन इसके बावजूद कोई प्रशासनिक जांच और कार्रवाई नही की गई है। बहरहाल मजबूर किसानों की इस कार्रवाई से क्षेत्र में प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा तेज हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समस्या का त्वरित समाधान नहीं हुआ तो इसका व्यापक असर अन्य गांवों में भी देखने को मिल सकता है।