
उदय सिंह
बिलासपुर – शिक्षा तंत्र में सेंध लगाने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही के मामले में उच्च कार्यालय द्वारा संजीदगी नही दिखाने का मामला प्रकाश में आया है। जहां शराब के नशे में स्कूल पहुंचने वाले प्रधानपाठक को अब तक संयुक्त संचालक आरपी आदित्य द्वारा निलंबित नही किया गया है। घटना के 72 घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही जेडी ऑफिस से नही की गई है।

जो अब शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने वाले शिक्षक को उच्च कार्यालय से अभय दान मिलने की सुगबुगाहट को हवा देने का काम कर रही है। आपको बता दे कि बीते गुरुवार को धनगंवा संकुल के अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवारी में स्थित शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक हितेंद्र कुमार तिवारी शराब के नशे में धुत होकर विद्यालय पहुंचे। प्रधानपाठक हितेंद्र कुमार तिवारी शराब के नशे में इतने अधिक मदहोश थे कि वे ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। जिसका विडियो बनाया गया था। इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि मासूम स्कूली बच्चे उन्हें उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शिक्षक लड़खड़ाते हुए गिर पड़ते हैं।

इधर मामले में ग्रामीणों के अनुसार, यह कोई नई बात नहीं है बल्कि यह शिक्षक लगभग रोजाना ही नशे की हालत में स्कूल आता है और बच्चों के बीच शर्मनाक हरकतें करता है। मामले को जब मीडिया में उठाया गया। तब शिक्षा विभाग का अमला हरकत में आया और मस्तूरी बीईओ से जांच करा कर तत्काल डीईओ विजय टांडे द्वारा प्रधानपाठक हितेंद्र तिवारी को निलंबित करने के लिए प्रतिवेदन संयुक्त संचालक कार्यालय में प्रेषित किया है। सूत्रों की माने तो डीईओ कार्यालय से पूरे प्रकरण की जानकारी सयुक्त संचालक आरपी आदित्य को दी जा चुकी थी।

इसके बाद भी मामले में अब तक निलंबन की कार्यवाही नही की गई है। एक ओर शिक्षक जैसी गरिमामयी पद पर बैठे लोग खुद नैतिकता का खुले आम उल्लंघन कर शिक्षा का स्तर गिरा रहे है। तो वही दूसरी ओर ऐसे शिक्षको के खिलाफ कार्यवाही में देरी कर शिक्षा विभाग के अफसर इन मामलों के पुनरावृत्ति की संभावनाओं को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
जिले में शिक्षा के पतन को रोकने कि कवायत तो दूर,, कार्यवाही में ही कुरेज करते दिख रहे है अफसर, क्या ऐसे बढ़ेगा इंडिया..?

शासकीय स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने केंद्र और राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। ताकि प्रदेश अपितु पूरे देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में हो और विकास की नई गाथा गढ़ सके। लेकिन बिलासपुर जिले में शिक्षको के शराब के नशे में स्कूल पहुंचने के मामले लगातार सामने आ रहे है। जिससे कही ना कही जिले में शिक्षा के स्तर का पतन हो रहा है।

ताज्जुब की बात यह है। कि ऐसे मामलो को रोकने शिक्षा विभाग द्वारा कोई ठोस निर्णय लेना तो दूर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने वाले शराबी शिक्षको पर कार्यवाही में ही देरी की जा रही है। जिससे भगवान से ऊंचा दर्जा रखने वाले शिक्षक के छवि को दागदार करने वाले शिक्षको का हौसला बढ़ाने का काम कर रही है।