
जुगनू तंबोली
रतनपुर – धर्मनगरी रतनपुर स्थित नगर कोटवाल भैरवनाथ मंदिर में चल रहे नव दिवसीय भैरव जयंती महोत्सव में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। बुधवार को भैरव अष्टमी के अवसर पर मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से सजाया गया और बाबा भैरवनाथ का दिव्य श्रृंगार किया गया।

दिनभर वैदिक आचार्यों द्वारा रुद्राष्टाध्यायी पाठ, रुद्र महायज्ञ और अभिषेक अनुष्ठान संपन्न हुए। बाबा को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए। चारों ओर “जय नगर कोटवाल भैरवनाथ की जय” के जयकारे गूंजते रहे। महोत्सव में प्रतिदिन भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। कार्यक्रम का समापन 19 नवंबर को होगा।
मंदिर के महंत पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि भगवान काल भैरव की पूजा से जीवन में शांति, समृद्धि और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि बटुक भैरव का स्वरूप विशेष रूप से गृहस्थों के लिए पूजनीय है, जो परिवार में सुख-शांति और सकारात्मकता बनाए रखता है। सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने लंबी कतारों में लगकर दर्शन किए और हवन-पूजन व भंडारे में भाग लिया।

पूरे दिन और रातभर मंदिर के पट खुले रहे। डॉ. सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि काल भैरव की आराधना से भय और नकारात्मकता दूर होती है तथा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। महोत्सव के अंतर्गत 18 नवंबर को निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर तथा 19 नवंबर को 151 कन्याओं और ब्राह्मणों की पूजा के साथ महाभंडारे का आयोजन होगा।

पूरे रतनपुर नगर में इन दिनों “जय काल भैरव” के जयघोष, दीपों की रोशनी और भक्ति की गूंज से अद्भुत आध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है।