
उदय सिंह
बिलासपुर – न्यायधानी में सड़क पर स्टंट, केक काटने और ट्रैफिक रोककर वीडियो बनाने की घटनाएं गंभीर रूप से बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट कई बार ऐसे मामलों पर सख्त नाराजगी जता चुका है, बावजूद इसके युवाओं में कानून का भय नजर नहीं आता। बीती रात फिर ऐसा ही मामला सामने आया, जब महंगी कारों में सवार युवकों ने आधी रात सड़क को घेरकर बर्थडे सेलिब्रेशन किया वह भी इतनी बेफिक्री से मानो सड़क किसी निजी पार्टी हॉल की तरह हो। पुलिस ने सभी 12 युवकों को गिरफ्तार कर एफआईआर दर्ज की और उनकी कारें भी जब्त कर लीं।घटना सकरी थाना क्षेत्र की है। बीती देर रात लगभग 12:30 बजे थाना प्रभारी विजय चौधरी पेट्रोलिंग पर निकले थे। इसी दौरान पुलिस टीम जब सकरी पेंड्राडीह बायपास स्थित ओवरब्रिज के पास पहुंची, तो पाया कि तीन लग्जरी कारें CG10BZ0018, CG10BQ8163 और CG04PT3087 पूरी सड़क को घेरकर खड़ी थीं। इन वाहनों के कारण आवागमन बाधित था, जबकि सड़क पर ही केक रखकर युवक बर्थडे मना रहे थे और मोबाइल कैमरों से वीडियो शूट कर रहे थे।
पुलिस ने तत्काल मौके से युवकों को हिरासत में लिया। पकड़े गए युवकों की पहचान सूजल देवांगन, सागर मनचंदा, राजवीर हुरा, प्रिंस गंगवानी, साहिल सचदेव, उत्कर्ष खरे, मुस्तफा लक्ष्मीधर, पियुष जायसवाल, पियुष शिवहरे, रोशन मंगलानी, पल आहुजा और शुभम साहू के रूप में हुई है। सभी युवक महंगी कारों के साथ सड़क को जाम कर सार्वजनिक माहौल में अव्यवस्था पैदा कर रहे थे। यातायात बाधित करने, सड़क को कब्जे में लेने, सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और वाहन नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 285 बीएनएस, तथा मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 119/177 और 122/177 के तहत मामला दर्ज किया। तीनों वाहन भी जप्त कर लिए गए। सभी आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर थाने लाया गया। इसके बाद युवकों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्यपालिक दंडाधिकारी, सकरी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहाँ बंधपत्र भरवाया गया। साथ ही, वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबन हेतु आरटीओ बिलासपुर को प्रतिवेदन भेजा गया है।
हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद ढीठ हरकतें
हाईकोर्ट ने बीते महीनों में कई मामलों संजय दत्त के जन्मदिन पर सड़क घेरकर जाम लगाने, सकरी में रील शूट करने, रिवर व्यू क्षेत्र में स्टंट करने पर सख्त रुख अपनाया था। कोर्ट ने यह साफ कहा था कि सड़कें प्रदर्शन, रील या सेलिब्रेशन का मंच नहीं हैं, और पुलिस को ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए। यही कारण है कि इस मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए किसी भी तरह की ढील नहीं दी।
चिंतनीय सवाल: सड़कों पर कानून का डर खत्म क्यों?
लगातार बढ़ते ऐसे मामलों ने शहर में यातायात सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। सड़कें सार्वजनिक संपत्ति होती हैं, जहाँ एक छोटी सी लापरवाही भी गंभीर हादसे का कारण बन सकती है। रात में तेज रफ्तार से पहुंचना, सड़क रोककर पार्टी करना और सोशल मीडिया पर ‘कूल’ दिखने की चाह में कानून तोड़ना आज के युवाओं में खतरनाक प्रवृत्ति के रूप में उभर रहा है। ऐसी घटनाओं से न सिर्फ एम्बुलेंस और जरूरी सेवाओं का आवागमन प्रभावित होता है, बल्कि अन्य वाहनों को दुर्घटना का जोखिम भी बढ़ जाता है। सवाल यह है कि क्या युवाओं को कानून, ट्रैफिक नियम और सुरक्षा की कोई परवाह नहीं? क्या शहर की सड़कों पर पुलिस व्यवस्था का डर अब खत्म हो चुका है?
जरूरत सख्त कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता की
विशेषज्ञों का मानना है कि केवल गिरफ्तारी या चालानी कार्रवाई से समस्या खत्म नहीं होगी। ऐसी घटनाओं के पीछे दिखावे की संस्कृति, सोशल मीडिया पर लाइक्स का दबाव और कानून की अनदेखी जैसी मानसिकता जिम्मेदार है। जरूरत है कि युवाओं को समझाया जाए कि सड़कें मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि जीवन रेखा हैं। सड़क पर केक काटना, सेलिब्रेशन के नाम पर जाम लगाना और कानून की धज्जियां उड़ाना सिर्फ एक छोटी हरकत नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। यह समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर इस प्रवृत्ति पर कड़ी रोक लगाएं, ताकि शहर में सुरक्षित और सुचारू यातायात सुनिश्चित हो सके।