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बिलासपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय भले हो गया हो लेकिन इससे विश्वविद्यालय की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया । इस बार भी एक एक कर परिणाम सामने आ रहे हैं और उसी के साथ विवादों का भी ना थमने वाला दौर शुरू हो चुका है। जांजगीर चांपा क्षेत्र के कई महाविद्यालयों के बीए फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर और फाइनल ईयर के इंग्लिश, पॉलिटिकल साइंस और बी कॉम फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर फाइनल ईयर के इंग्लिश में खराब रिजल्ट को लेकर जांजगीर चांपा से पहुंचे छात्र छात्रों के साथ एनएसयूआई के छात्र नेता गुरुवार को विश्वविद्यालय पहुंचे और कुलपति से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराया।
इस खराब रिजल्ट से करीब 500 छात्र छात्राये प्रभावित हुए हैं । अधिकांश छात्र छात्राओं को शून्य से लेकर 5 अंक ही मिले हैं । विद्यार्थियों का विरोध इस बात पर है कि उन्होंने इतना खराब पर्चा भी नहीं बनाया था कि उन्हें शून्य और एक-दो अंक मिले। जाहिर है जांच में भारी त्रुटि हुई है। कुलपति प्रो गौरी दत्त शर्मा ने छात्रों और एनएसयूआई के छात्र नेताओं की बातें गंभीरता के साथ सुनने के बाद निर्णय लिया।
उन्होंने माना कि संभव है पेपर जांच में कोई त्रुटि हुई है इसलिए उन्होंने बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सभी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का आश्वासन छात्रों को दिया है। जिसके बाद यहां जारी हंगामा समाप्त हुआ और कुलपति के आश्वासन के भरोसे छात्र लौट गए। वैसे इस विश्वविद्यालय के साथ यह कोई नया विवाद नहीं है। हर साल परिणामों की घोषणा के साथ इसी तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। इसलिए ऐसे विवादों को जन्म देने से पहले ही इसकी रोकथाम के लिए विश्वविद्यालयों को कोई कठोर कदम उठाने होंगे। वैसे हंगामा कर रहे एनएसयूआई के नेताओं ने यहां कुलपति प्रोफ़ेसर गौरी दत्त शर्मा पर आक्षेप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।