आलोक
आम छवि यही है कि सरकारी स्कूलों में दोयम दर्जे की पढ़ाई होती है और पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य गतिविधियां तो ना के बराबर होती है। लेकिन इस धारणा को दयालबंद स्थित मल्टीपरपज स्कूल ने पूरी तरह ध्वस्त किया है। यहां पिछले कुछ वर्षों से अटल टिकलिंग लैब में विद्यार्थियों के हुनर को नई उड़ान दी जा रही है। वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देते हुए यहां विद्यार्थियों द्वारा एक से बढ़कर एक नायाब आविष्कार किए गए हैं और उनके हुनर को पूरे देश के साथ विदेशों में भी सराहना मिली है।
यहां के विद्यार्थियों द्वारा किसानों के सहायक कृषि यंत्र से लेकर नदियों की सफाई के लिए मोक्ष ,बाई साइकिल से बिजली उत्पन्न करने जैसे कई सराहनीय आविष्कार किए गए हैं। लेकिन यहां संसाधनों की कमी का रोना तो है ही। सरकारी स्कूल होने की वजह से यहां नन्हे आविष्कारको को कई सुविधाएं हासिल नहीं हो पाती, इसे देखते हुए रविवार को रोटरी क्लब ऑफ बिलासा क्वींस द्वारा मल्टीपरपज स्कूल के इस विशेष विभाग को कई संसाधनों उपहार में भेंट किए गए।
रोटरी क्लब ऑफ बिलासा क्विज के सदस्यों ने स्कूल में पहुंचकर 4 कंप्यूटर सिस्टम एक लैपटॉप 4 सीसीटीवी कैमरे एक अलमारी एक वाटर प्यूरीफायर के साथ नन्हे वैज्ञानिकों के जलपान हेतु कक्ष में बैठक और फर्नीचर व्यवस्था उपलब्ध कराई ।इस मौके पर मौजूद जिला शिक्षा अधिकारी आर एन हीराधर ने भी माना कि सरकारी स्तर पर कई संसाधन जुटाने मुमकिन नहीं हो पाते ऐसे में स्वयंसेवी संगठनों की मदद से इसे पूरा किया जा सकता है। इन नन्हे वैज्ञानिकों ने अपने हुनर का लोहा तो मनाया है ।जाहिर है इनके बनाए मॉडल समाज के ही काम आएंगे ।ऐसे में समाज का भी दायित्व है कि वह इनके इस नेक काम में मदद को आगे आए, जैसा कि रोटरी क्लब की क्वींस रविवार को आगे आई।