डेस्क
नशे से लड़ने के लिए बृहद स्तर पर सामुहिक संकल्प की आवयश्कता है। सिर्फ नशा मुक्ति संस्थायें इसके लिए पर्याप्त नहीं है ।नशा रोकने के लिए रोकथाम व जागरूकता दोनों आवश्यक है।
इसी कारण को दृष्टिगत रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर जिले के सभी थाना,चौकियों में, स्कूल, कालेज और सामुदायिक स्थानों पर नशा मुक्ति अभियान चलाया गया । इस दौरान बच्चों और वयस्कों को इसके दुष्परिणाम से अवगत कराया गया।तथ्य परक आंकड़ो के अनुसार, बडे़-छोटे अपराधों, बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, राहजनी आदि तमाम तरह की वारदातों में नशे के सेवन का मामला लगभग 73. 5 % तक है और बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में तो ये दर 87 % तक पहुंची हुई है। अपराधजगत की क्रियाकलापों पर गहन नजर रखने वाले मनोविज्ञानी बताते हैं कि अपराध करने के लिए जिस उत्तेजना, मानसिक उद्वेग और दिमागी तनाव की जरूरत होती है उसकी पूर्ति ये नशा करता है। जिसका सेवन मस्तिष्क के लिए एक उत्प्रेरक की तरह काम करता है।इसलिए अपराध रोकथाम के लिए नशामुक्ति आवश्यक ही नहीं अनिवार्य भी है।