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मौत, कब, कहां, किस तरह चली आए, कोई नहीं जानता। ऐसा ही हुआ पांचवी कक्षा के छात्र राम नारायण पटेल के साथ भी । वह तो स्कूल जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन अचानक उसके साथ जो कुछ हुआ उससे पूरा परिवार मातम में डूब चुका है। सुबह-सुबह पांचवी कक्षा का छात्र 12 वर्षीय राम नारायण पटेल स्कूल जाने की तैयारी कर रहा था। उसके घर के साथ ही खेत लगे हुए हैं और खेत में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल की व्यवस्था है, लेकिन ट्यूबवेल के पैनल बोर्ड का तार लापरवाही पूर्वक खुला छोड़ दिया गया था, जो दीवाल से सटा हुआ था। रात में बारिश होने की वजह से दीवाल में नमी थी और कमरे का छत भी लोहे की सीट से बना हुआ था। जिस वजह से पूरे घर में करंट फैली हुई थी ।
इससे बेखबर स्कूल जाने की तैयारी कर रहे छात्र के बरामदे में लगे लोहे के एंगल को पकड़ते ही वह बिजली की चपेट में आ गया और वह एंगल से चिपक गया। उसकी चीख सुनकर खेत में थरहा लगा रहे पिता रामकुमार पटेल भागे भागे पहुंचे। शुरू में तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया। फिर माजरा समझते ही उन्होंने किसी तरह बेटे को लोहे के एंगल से अलग किया। बिजली की चपेट में आने की वजह से राम नारायण बुरी तरह झुलस गया था। इसके बाद पिता उसे लेकर रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन इसी दौरान छात्र ने दम तोड़ दिया था। अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पांचवी कक्षा के छात्र की अचानक करंट की चपेट में आकर मारे जाने से परिवार के ऊपर जैसे बिजली गिर पड़ी हो। पिता और मां का रो-रोकर अस्पताल में हाल बुरा हो गया।
इधर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने घटना की जानकारी रतनपुर पुलिस और बिजली विभाग में भी दर्ज कराई गई है।
बरसात के इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बिजली के खुले हुए तार कभी भी मौत बनकर बरस सकते हैं। खासकर खेती किसानी करने वालों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि हर तरफ पानी और नमी होने से बिजली के खुले तारो से करंट लगने की आशंका और भी गहरा जाती है। रामकुमार पटेल की जरा सी असावधानी से उनके घर का चिराग बुझ गया।