
एसपी अभिषेक मीणा की कुशल रणनीति की वजह से आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी
ठा.उदय सिंह ,मल्हार

नई सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कर दिया था कि चिटफंड के काले कारोबार पर अब शिकंजा कसा जाएगा। चिटफंड में अपना सब कुछ गंवा चुके निवेशको को राहत देने मुआवजा देने की भी घोषणा की गई है तो वहीं उन्हीं के आदेश पर चिटफंड के काले कारोबार में लोगों का सब कुछ लूटने वालों पर शिकंजा तेज किया जा रहा है । पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के निर्देश पर ऐसी ही एक कार्यवाही में देवास जेल में बंद जी एन गोल्ड लिमिटेड कंपनी के संचालक सतनाम सिंह रंधावा और दिवेश बजाज को धर दबोचा गया।
बिलासपुर और मस्तूरी क्षेत्र में जी एन गोल्ड लिमिटेड कंपनी के संचालक सतनाम सिंह रंधावा ,शैलेंद्र गोस्वामी, दिवेश कुमार बजाज और उनके साथियों द्वारा जीएम गोल्ड में निवेश करने पर कम समय में दुगना राशि देने ,अधिक रकम देने ,लुभावना बॉन्ड देने का झांसा देकर सैकड़ों हितग्राहियों से लाखों की रकम जुटाई गई थी । धोखाधड़ी करते हुए कंपनी के संचालक और एजेंट द्वारा रकम जमा कराई जाती रही लेकिन जैसे ही परिपक्वता का समय आया तो कंपनी बंद कर दिया गया। जिसके खिलाफ दर्री घाट निवासी राजेश कुमार कश्यप ने 30 मार्च 2017 को एफ आई आर दर्ज कराया था। इसी दौरान पता चला कि आरोपी ने ना केवल बिलासपुर क्षेत्र के लोगों से धोखाधड़ी की थी बल्कि उन्होंने धमतरी, तखतपुर कोटा क्षेत्र के भी सैकड़ों लोगों को ठगते हुए लाखों रुपए ऐंठे थे ।आरोपी के खिलाफ मध्यप्रदेश के देवास में भी एक मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद देवास पुलिस ने उन्हे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसकी जानकारी जुटाकर मस्तूरी थाना प्रभारी डी के कुर्रे ने एक टीम देवास जेल भेजा, जहां प्रोटेक्शन वारंट के तहत जेल में बंद सतनाम सिंह रंधावा और दिवेश कुमार बजाज को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर लिया गया। चूँकि मामला करीब 2 वर्ष पुराना था लेकिन एसपी अभिषेक मीणा की कुशल रणनीति की वजह से आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। छत्तीसगढ़ के इस इलाके में बड़ी संख्या में चिटफंड कंपनियां लोगों को अपना शिकार बनाई है ,उम्मीद की जा सकती है कि एक एक कर उन सभी पर शिकंजा कसा जाएगा।