
मस्तूरी- सत्याग्रह की सच्चाई उजागर करने वाली खबर मस्तूरी क्षेत्र में फिर 10 मवेशियों की मौत, जिम्मेदार कौन…..राज्य सरकार के मंसूबों पर फिर रहा पानी का असर जल्द ही सामने आ गया है, मस्तूरी एसडीएम, जनपद सीईओ, तहसीलदार, पटवारी सहित प्रशासनिक अधिकारियों और पशु चिकित्सकों ने गांव पहुँचकर मवेशियों की मौत की पुष्टि करते हुए जांच की है और प्रारम्भिक रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की गई है।
दरअसल मस्तूरी जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत भुरकुंडा में गाँव के बाहर 10 मवेशियों के मृत शव पड़े हुए थे जिसकी सूचना मिलने पर जब जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि गाँव के बाहर काँटेदार तार से एक बाड़े जैसा बनाकर इन मवेशियों को इसमें बंद कर दिया गया था, जहॉ चारा पानी की कमी और मौसम की मार सह रहे मवेशियों ने दम तोड़ दिया, जिसे कुछ लोगो ने गांव के बाहर निकाल दिया।
सरपंच की भूमिका संदिग्ध
जांच में भुरकुंडा पहुँची मस्तूरी एसडीएम मोनिका वर्मा सहित अधिकारियों ने मौके पर सात मृत अवशेष पाए है, जिनकी चमड़ी निकल चुकी थी, वहीँ सरपंच, कोटवार सहित अन्य से बयान दर्ज किया गया, जिसमे दोषियों की जानकारी हाथ नही लगी,फिर भी पशु क्रूरता अधिनियम के तहत अज्ञात के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की गई। पशु चिकित्सक यशवंत डहरिया ने बताया कि टीम ने पूरे मामले का जायजा ले लिया है, उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
दुर्भाग्यपूर्ण घटना
मस्तूरी क्षेत्र में ही कुछ दिनों पहले 22 मवेशियों की मौत हो गई थी, जिसमें जांच अब भी जारी है, वही यह फिर दूसरी घटना सामने आई है। इस घटना में भी मृत मवेशियों के शव को छिपाने पूरी कोशिश की गई, उन्हें चमड़ा निकालने वालो को बुलाकर जल्द नष्ट कराने का प्रयास किया गया।
कौन जिम्मेदार
मामले में यह तथ्य तो सामने आया है कि ग्राम पंचायत में फिलहाल गौठान नही बनाया गया है, जिसकी वजह से इस तरह बाड़े में मवेशियों को रखा गया था। जिसमें जांच शुरू हो गई है लेकिन अब भी सवाल यह उठना स्वाभाविक है कि आखिर इन 10 मवेशियों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है।