
रियाज असरफी
अपने कार्यकाल में शासन की राशि का आहरण कर गबन करने वाले पांच पूर्व सरपंचों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है,इनके ऊपर पंचायत के विभिन्न मदों से लाखो रुपये बकाया है, इनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। वही 74 अन्य सरपंच,सचिव के ऊपर कार्यवाही की तलवार लटक रही है। बताया जा रहा है कि बकाया राशि जमा नही करने पर जल्द ही इनके ऊपर भी शासन द्वारा बड़ी कार्यवाही करने की तैयारी की जा रही है।मालूम हो कि मस्तूरी विकासखण्ड के 79 पूर्व सरपंचों ने शासन के विभिन्न मदों से पंचायतों में विकास कार्य कराने के नाम पर करोड़ो रूपये आहरण कर लिया गया और आहरित राशि से कार्य नही कराया गया बल्कि उस राशि को गबन कर लिया गया। शासन द्वारा कई बार इन पूर्व सरपंचों को राशि जमा करने के नाम पर नोटिस भेजा गया लेकिन कोई भी पूर्व सरपंच ने राशि जमा नही करने पर रुचि नही दिखाई।
शासन ने इसे गम्भीरता से लेते हुए विकासखण्ड के 79 सरपंचों में से पांच सरपंचों के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इनकी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। वही 74 अन्य पूर्व सरपंच,सचिव के द्वारा बकाया राशि को अगर जल्द ही जमा नही कराया जाता है तो इनके खिलाफ भी शासन बड़ा ऐक्शन लेने की तैयारी में है। इन पूर्व सरपंचों के ऊपर सर्व शिक्षा अभियान,बीआरजीएफ,रोजगार गारंटी योजना,छग.ग्रा.नि., अनुसूचित जाति विकास योजना के अलावा विशेष योजना मद की राशि के करोड़ो रूपये ग़बन करने का आरोप सिद्ध हुआ है।मस्तूरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच संजय पटेल के ऊपर तालाब गहरीकरण (मनरेगा) मद, 5 लाख 18 हजार 2 सौ 42 रुपये,पशु चिकित्सा भवन राशि 2 लाख 10 हजार 4 सौ 81रुपये ,पोस्ट मार्टम कमरा राशि 95 हजार, एसएससी बाजार राशि 60 हजार, हरदाडीह पूर्व सरपंच लखनलाल खांडे मनरेंगा मद राशि 2 लाख 26 हजार 54 रुपये, ग्राम पंचायत धुर्वाकारी पूर्व सरपंच गौरी मुकेश भारद्वाज अतिरिक्त कक्ष निर्माण राशि 1 लाख 80 हजार रुपये, ग्राम पंचायत कुकुर्दीकेरा पूर्व सरपंच मनोज कुमार नेताम सर्व शिक्षा अभियान मद राशि 2 लाख 76 हजार रुपये, ग्राम पंचायत गोंडाडीह पूर्व सरपंच देवचरण भैना सर्व शिक्षा अभियान मद 2 लाख 65 हजार रुपये। पांच पूर्व सरपंचों से कुल 17 लाख 95 हजार दो रुपये की वसूली होनी है।
इन पांच पूर्व सरपंच के अलावा 74 पूर्व सरपंचों से विभिन्न मदो से आहरित राशि 1 करोड़ 21 लाख 2 हजार 9 सौ 1 रुपये की वसूली की जानी है। अगर इनके द्वारा वसूली की राशि जमा नही की जाती है तो जल्द ही एसडीएम कार्यालय से इनके विरुद्ध कार्यवाही की अनुसंसा की जाएगी। इनमें से कई पूर्व सरपंच राजनीति पार्टी के बड़े पदों पर बैठे है तो कुछ लोग सरकारी नौकरी में बैठे है। क्या ऐसे में बिना दबाव के इन पर कार्यवाही शासन द्वारा की जाएगी। अगर निष्पक्ष कार्यवाही होती है तो कइयों की नेतागिरी खतरे में तो कुछ लोगो के सरकारी नौकरी पर बन आएगी।