
आकाश दत्त मिश्रा
बारिश का मौसम आते ही अन्य शहरों की तरह मुंगेली भी एक स्थायी समस्या से दो चार हो रहा है। ग्रामीण इलाका होने से यहां आस-पास गोवंश की भरमार है ।बारिश के मौसम में मिट्टी गीली होने और मक्खी मच्छर के प्रकोप से बचने के लिए मवेशी सड़कों पर डेरा जमाए रहते हैं। वैसे तो लगभग अधिकांश शहरों में यह समस्या है लेकिन कवर्धा से लेकर बिलासपुर मार्ग पर स्थिति बेहद चिंताजनक है।
रास्ते पर जहां-तहां गायों का झुंड मिल जाता है। जिसके चलते रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। आम लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल हो चुका है। हाईवे होने की वजह से यहां तेज रफ्तार से बड़े और मझोले वाहन आते जाते हैं । जिन की चपेट में आकर गायों की जान जा रही है। वहीं लोग भी दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। कुछ खास चौक चौराहे ऐसे हैं जहां हर वक्त मवेशियों का झुंड मौजूद रहता है ।
इसे लेकर जिला प्रशासन की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि स्वयं कलेक्ट्रेट के सामने ही इन का जमावड़ा मौजूद होने के बावजूद उन्हें वहां से हटाने की कोई गंभीर कोशिश नहीं की जा रही है। जिला बनने के बाद भी मुंगेली में व्यवस्थाएं कुछ खास बदली नहीं। बरसात के इस मौसम में अन्य समस्याओं के साथ यह समस्या भी हर बार मुंगेली के लोगों को परेशान करती है । इस वर्ष भी जहां-तहां सड़कों पर बड़ी संख्या में गोवंश की मौजूदगी परेशानी का कारण बन रही है। इससे राहगीरों और गायों दोनों को नुकसान हो रहा है, लेकिन इन मवेशियों को सड़क से हटाकर कांजी हाउस ले जाने की व्यवस्था तक प्रशासन के पास नहीं है और ना ही उन पशुपालकों पर किसी तरह की कार्यवाही की जा रही है जो दुधारू पशुओं को दूध दुहने के बाद सड़कों पर इस तरह छोड़ देते हैं । अधिकांश गाय ऐसी है जो या तो दूध नहीं देती या फिर नर पशु है। इसकी अगर सही व्यवस्था नहीं की गई तो फिर न जाने इस वजह से इस साल भी कितनी दुर्घटनाएं होंगी।