
इस घटना से एक बार फिर महंगे स्कूलों की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
महंगे स्कूलों में बच्चों को दाखिल कराने के बाद अभिभावक इस बात को लेकर निश्चिंत भले हो जाए कि उनके बच्चे का भविष्य बेहतर होगा लेकिन अनुशासन के नाम पर इन स्कूलों में बच्चों को जिस तरह मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है उसकी कीमत कभी कभी बच्चों को जान देकर चुकानी पड़ती है ।ऐसा ही कुछ रामा ग्रीन सिटी में भी हुआ ।यहां रहने वाले स्कूली छात्र आयुष मिश्रा ने खुदकुशी कर ली।
आयुष शहर के सबसे महंगे जैन इंटरनेशनल स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्र था। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर उसे कुछ दिनों पहले स्कूल से नोटिस दिया गया था जिसके बाद से वह परेशान था। यह परेशानी इस हद तक बढ़ गई कि मंगलवार तड़के पहले तो आयुष मिश्रा ने जहर पी लिया लेकिन इतने भर से उसे इस बात की तसल्ली नहीं हुई कि उसकी जान चली जाएगी तो उसने ऊंची दीवार से छलांग लगा दी। आयुष मिश्रा के पिता पीएचई विभाग में एसडीओ के पद पर है। पुलिस को जैसे ही मामले की सूचना मिली तो वह भागे भागे मौके पर पहुंची ।मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। इस घटना से एक बार फिर महंगे स्कूलों की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं ।शिक्षा के नाम पर इतना दबाव क्या गैर जरूरी नहीं है जिससे बच्चो को परेशान होकर जान देनी पड़े ।आयुष एक होनहार छात्र था जिसके असमय चले जाने से उसके परिजन तो बेहाल है ही साथ ही उसके सहपाठियों को भी इस बात का यकीन ही नहीं हो रहा है कि आयुष जैसा छात्र खुदकुशी जैसा कदम उठा सकता है।