
मस्तूरी- प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रक्रिया में पूर्व पंजीकृत किसानों के डेटा बेस को इस वर्ष फिर से अपडेड किया जा रहा है, जिसमे रकबे का सत्यापन पटवारी और तहसीलदार द्वारा किया जा रहा है और ऑनलाइन डेटा अपलोड किया जा रहा है, इसके साथ ही अपंजीकृत किसानों का नवीन पंजीयन भी 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक किया जा रहा है। शासन ने यह निर्देश पूर्व में ही जारी कर दिए थे, जिसके अनुसार प्रदेश में समितियों के माध्यम यह प्रकिया पूरी की जा रही है, इसी कड़ी में मस्तूरी विकासखंड से एक ऐसी खबर आई है जहाँ तहसीलदार ने 13 दिनों पहले ही पंजीयन खत्म होने की सूचना कार्यालय के बाहर चस्पा कर दी है।
शासन ने 31 अक्टूबर तक पंजीयन की अंतिम तारीख तय की है लेकिन मस्तूरी तहसीलदार ने 18 अक्टूबर तक ही आवेदन फार्म जमा करने की मियाद तय कर दी है। तहसीलदार की इस मनमानी से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और कृषको में काफी आक्रोश है साथ ही अब तक पंजीयन नही करा पाए किसानों को डर सताने लगा है कि कही उनका पंजीयन न छूट जाए। हालाकि की तहसीलदार ने इसके पीछे ऑनलाइन और सत्यापन किये जाने की प्रक्रिया को पहले फार्म जमा करने का कारण बताया है। फ़िलहाल मस्तूरी तहसील कार्यालय में लगाई गई यह सूचना प्रदेश सरकार की मंशा को ठेस पहुँचाने वाली साबित हो रही है, क्योकि भूपेश सरकार ने किसानों के हित मे कई फैसले लिए है और उन्होंने ने तमाम सहूलियतें भी मुहैया कराई है, ऋण माफी के अलावा सभी स्तरों पर यह सुनिश्चित किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा राहत उन्हें मिले लेकिन मस्तूरी तहसील कार्यालय में पहुँचने पर यह नोटिस लोगो को सोचने पर मजबूर कर रही है कि भूपेश सरकार के निर्देश की अवहेलना यहाँ कैसे की जा रही है।