
रमेश राजपूत
बिलासपुर- लूथरा शरीफ स्थित सूफ़ी संत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह उर्फ शहंशाहे छत्तीसगढ़ का मजार हिंदू -मुस्लिम कौमी एकता की मिशाल बना हुआ है। सोमवार को शहंशाहे छत्तीसगढ़ के मजार पर 61वें उर्स में हिन्दू और मुस्लिम दोनों धर्मावलम्बियों की भारी तादाद उमड़ पड़ी। कई सालों से आस्था के केंद्र बने इस उर्स मेले में श्रद्धालुओं के द्वारा सूफ़ी संत बाबा के मजार पर चादर चढ़ाया गया। उर्स के इस पाक दिन को विशेष बनाने इस बार इंतेजामिया कमेटी द्वारा समाज के प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने विशेष पहल की गई, जहाँ प्रदेश भर के मुस्लिम समाज के मेघावी बच्चो का सम्मान किया गया, जिसमे समाज के ऐसे बच्चे जो 10वी 12वी की इम्तिहान में अच्छे नंबर हासिल किए है
प्रदेश के ऐसे चयनित 300 बच्चों का इस्तक़बाल किया गया। इस दौरान खास बात यह रही कि उर्स के तीसरे दिन होनहार बच्चों का सम्मान कर उन्हे भेंट स्वरूप पौधे दिये गए, ताकि वृक्षारोपण को बढ़ावा मिल सके। उर्स के तीसरे दिन शहंशाहे छत्तीसगढ़ के दरगाह में विश्व शांति की इच्छा शक्ति लेकर नगर विधायक शैलेश पांडे और हाईकोर्ट के एडवोकेट हमिदा सिद्दीक़ी पहुंचे थे, जिन्होंने देश प्रदेश सहित पूरे विश्व की शांति और खुशहाली को लेकर बाबा के दरगाह में मत्था टेक दुआ मांगी।
इस दौरान नातिया मुशायरा का भी आयोजन किया गया था। जिसमे देश के नामचीन शोरा ए किराम राही बस्तवी यूपी,जावेद नदीम नागपुर, मुख़तार नादिर जबलपुर, शुखनवर हुसैन रायपुर और अहमद रज़ा नागपुर, अब्दुल गनी ने अपनी नातिया की प्रस्तुति दी, जिसे सुन श्रोता झूम उठे।