
रमेश राजपूत

बिलासपुर- हाईकोर्ट ने बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग में करोड़ो के भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई करते हुए तत्कालीन सिविल सर्जन और सीएचएमओ मधुलिका सिंह वर्तमान जेडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने आदेश जारी किए है। जिसके बाद अब उन पर कार्रवाई की गाज कभी भी गिर सकती है। गौरतलब है कि एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी. रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी.पी. साहू की डबल बेंच ने यह आदेश जारी किया है, जनहित याचिका में कहा गया है कि सीएमएचओ कार्यालय की ओर से मितानिनों की नियुक्ति उनके प्रशिक्षण, दवा खरीदी सहित अन्य कार्यों के लिए चार करोड़ 90 लाख 35 हजार 371 रुपये खर्च किये गये थे,

जिसकी ऑडिट 7 जनवरी 2005 से 20 जनवरी 2005 के मध्य की गई थी, जिसकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि शासन की ओर से जारी इस राशि की जमकर बंदरबाट की गई है। राशि की गड़बड़ी एक सितम्बर 2003 से 31 दिसम्बर 2004 के बीच की गई। इस पूरी जांच में यह तथ्य सामने आए है कि किसी के लिए अधिक भुगतान तो कई कार्यो के लिए लाखों खर्च करने का कोई हिसाब दर्ज नही है।
