
अंगों को बेचकर ही मालामाल होने का सपना यह लोग देख रहे थे जिनके सपने सलाखों के पीछे दफ़न हो कर रह गए है
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
दुनिया चांद सितारों तक पहुंच चुकी है और आज भी इसी समाज में ऐसे लोग हैं जो दकियानूसी विचारों से प्रभावित है। हैरानी इस बात की है कि ऐसे लोगों में पढ़े लिखे लोग भी शामिल हैं ।ऐसे ही लोगों की मानसिकता की वजह से जंगलों में वन्य प्राणी सुरक्षित नहीं है। इंसान जानवरो से भी बदतर हुआ जा रहा है।
सरकंडा पुलिस को सूचना मिली कि अशोक नगर पानी टंकी के पास दो युवक किसी वन्य प्राणी के खाल और अंगों का सौदा कर रहे हैं, जिसके बाद टीम बनाकर सरकंडा पुलिस ने सूरजपुर में रहने वाले आकाश पटेल और उसके दोस्त मुंगेली निवासी आशुतोष उपाध्याय को धर दबोचा। इनके पास मौजूद प्लास्टिक की थैली की जांच की गई तो उसमें भालू की खाल, 4 पंजे, नाखून और अन्य अंग मिले ।जिनको पूछताछ के लिए थाने लाया गया। पुलिस यह जानकर हैरान रह गई कि भालू के अंग की सौदेबाजी करने वाले यह छात्र सिद्धिविनायक कॉलेज में बी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं मेडिकल के स्टूडेंट होने के बावजूद यह दोनों अफवाहों पर भरोसा करते थे। इन्हें किसी ने बताया था कि भालू की खाल, उसके दांत, पंजे और खासकर लिंग के लिए लोग अच्छा खासा पैसा देते हैं। पैसों की लालच में आकर इन लोगों ने भालू के शिकार का फैसला किया ।असल में कुछ दिनों पहले आशुतोष अपने मित्र आकाश पटेल के यहां चरोदा जिले के सूरजपुर गया था। आकाश के घर पर काम करने वाले नौकर शिव सागर और रविंद्र कुमार ने इन्हें जानकारी देते हुए बताया कि भालू के पंजे खाल और नाखून बेशकीमती होते हैं अगर वे लोग कहीं से भालू के अंगों को लेकर आए तो उन्हें दो लाख रुपए दिए जाएंगे ।पैसों की लालच में आकर शिव सागर ,रविंद्र कुमार और रमेश कुमार ने मिलकर तमोर पिंगला अभयारण्य से लगे ग्राम कैलाशपुर के जंगलों में भालू के शिकार करने की योजना तैयार की। कई दिनों की कोशिश के बाद इन्हें भालू मिला तो फावड़े की मदद से इन लोगों ने भालू का शिकार किया और उसके अंगों को अलग अलग कर अपने पास रख लिया। इसी बीच आकाश पटेल को सूचना दी गई कि तुमने जिस काम के लिए कहा था वह हो गया है। इसके बाद आकाश पटेल ने आशुतोष को कहा कि भालू के अंगों को लेकर बिलासपुर आ जाए जहां अंगों की बिक्री के बाद उन्हें पैसा दे दिया जाएगा। इसी सौदे को पूरा करने यह लोग बिलासपुर पहुंचे थे ।कैलाशपुर का रहने वाला रमेश कुमार अगरिया उसका साथी रविंद्र अगरिया और शिव सागर गोड़ ने बिलासपुर पहुंच कर भालू के इन अंगों को आकाश और आशुतोष को दिया था ,जो इन अंगों को बेचने का प्रयास कर रहे थे ,लेकिन इससे पहले कि वे कामयाब हो पाते पुलिस ने उन्हें धर दबोचा । जिनके खिलाफ सरकंडा थाने में वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है । इनके पास से भालू के जो अंग बरामद हुए हैं उसकी बाजार में कीमत करीब 4 लाख रुपए आंकी गई है। पुलिस ने इस मामले में आकाश पटेल, आशुतोष उपाध्याय, रमेश अगरिया ,रविंद्र अगरिया और शिव सागर गोड़ को गिरफ्तार किया है ।मामले का एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि इन लोगों को यह बताया गया था कि भालू के लिंग के लिए लोग मनचाही कीमत देते हैं और उसी लालच में उन्होंने भालू का शिकार किया था ,लेकिन इन्होंने जिस भालू का शिकार किया था वह मादा निकल गई ,फिर भी शेष अंगों को बेचकर ही मालामाल होने का सपना यह लोग देख रहे थे जिनके सपने सलाखों के पीछे दफ़न हो कर रह गए है।