
आनंद झा,बस्तर
दंतेवाड़ा- अबूझमाड़ का दक्षिणी द्वार कहे जाने वाला बारसूर-नारायणपुर मार्ग मानसून से पहले खुल जाएगा। जिस सड़क पर पिछले २५ सालों से माओवादियों का कब्जा था। उस पर गाडिय़ां दौड़ेंगी। प्रशासन से बारसूर-पल्ली मार्ग का काम मानसून से पहले हर हाल में पूरा करने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बस्तर कमिश्नर और आईजी पिछले दिनों जब दंतेवाड़ा पहुंचे तो उन्होंने महकमे से साफ कह दिया कि सड़क निर्माण में कोई ढिलाई ना बरतें। सड़क का काम युद्धस्तर पर जारी है। सड़क पर मालेवाही तक पहले चरण में काम हो चुका है। बारिश से पहले बोदली तक डामरीकरण की तैयारी भी पूरी है। बोदली के आगे मानसून आगमन से पहले कच्ची सड़क खुल जाएगी इसके साथ ही लोगों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। इस सड़क का निर्माण एक बड़ी चुनौती है। इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के लिए दो कैंप स्थापित हो चुके हैं आगे और भी कैंप स्थापित करके 43 किमी का काम पूरा किया जाएगा। दंतेवाड़ा कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि माओवादी चुनौती से निपटने मालेवाही के नजदीक पुसपाल में और इसके बाद आगे बोदली में फोर्स का कैंप बिठाया गया है। सड़क का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। हम समय पर काम पूरा करने के लिए सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
सड़क से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
दंतेवाड़ा से नारायणपुर की दूरी हो जाएगी आधी हो जाएगी, अभी 217 किमी है दूरी जो 100 किमी में सिमट जाएगी, पुल के आगे की सड़क पर पिछले 25 साल से माओवादियों का कब्जा था, जहाँ सड़क निर्माण की सुरक्षा में दो कैंप बैठाए गए है और इनके सहयोग से
बारसूर के बाद 43 किमी की सड़क 4 जिलों को छूकर गुजरेगी, अब इस मार्ग के खुल जाने से नारायणपुर तक के रास्ते में कई मनोरम नजारे राहगीरों को देखने को मिलेंगे।