
हरिशंकर पांडेय
मल्हार – नगर के विभिन्न पौराणिक महत्व के तालाबो के आसपास हुए अतिक्रमण व लुप्त होती सरोवरों की चिंता अब युवाओं को हो रही है जिसके लिए नगर पंचायत प्रशासन से सूचना के अधिकार के तहत तालाबो की वर्तमान स्थिति व अतिक्रमण के शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी नगर के युवा इंजीनियर पीयूष पाटले ने मांगी थी। जिसके जवाब में नगर पंचायत के जन सूचना अधिकारी ने मल्हार में 66 तालाबो का अस्तित्व होने की जानकारी दी है। परन्तु अतिक्रमण पर अब तक क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी नही दी गई। आवेदन में उन्होंने मल्हार के तालाबो की संख्या के साथ ही अब तक अतिक्रमण पर हुई शिकायत की जानकारी मांगी थी।
दरअसल मल्हार मे 126 तालाब होने की बात कही जाती है जिसमे छोटे बड़े तालाबो के अलावा डबरी नुमा तालाब है जिनकी पौराणिक महत्व भी है जिनमे से कई तालाबो के आसपास पिछले कई वर्षों से अतिक्रमण होते आ रहा है जिससे तालाबो का आकार घट रहा है। नगर के युवा अब जागरूक होकर लुप्त हो रहे तालाबो को बचाने प्रयासरत है। उनका मानना है कि बड़े तालाबो के पास हुए अतिक्रमण को अगर प्रशासन मुक्त करवाकर यहां पर्यटकों के लिए संवारकर मोटर बोटिंग होती तो ज्यादा से ज्यादा सैलानी आते क्योकि सरकार ने मल्हार को पर्यटन स्थल तो घोषित कर दिया है परन्तु पर्यटकों के लिए मनोरंजन के साधन नही है। सैलानी बड़ी संख्या में आते है परन्तु यहां आकर ठहर नही पाते जिससे व्यवसाय भी विकसित नही हो रहा है। सबसे ज्यादा अतिक्रमण यहां मा डिडनेश्वरी देवी मंदिर के पास स्थित नैया तालाब व मेला चौक से लगे खैया तालाब में हुआ है जिसके चलते इन प्राचीन सरोवरों का वास्तविक आकार नजर नही आ रहा है। दिन ब दिन तालाबो के घटते रकबे से तालाबो के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
अतिक्रमणकारियों के खिलाफ लोगो ने कई बार शिकायते भी है जिसके खिलाफ कार्यवाही के नाम पर सिर्फ नोटिस ही दिया जाता है। पौराणिक महत्व के तालाबो की हो रही दुर्दशा….तालाबों व सरोवरों की नगरी मल्हार में दिन ब दिन तालाबों पर अतिक्रमण तो ही रहा है साथ ही इन तालाबो की निर्मलता भी साफ सफाई नही होने कूड़े के ढेर में तब्दील भी हो रहा है सबसे ज्यादा बदतर स्थित खैया तालाब का है जहां भयंकर गन्दगी के चलते लोगो का इस तालाब में नहाना भी बंद हो गया है। इस तालाब में नगर की आधी आबादी निस्तारी करती थी जिसमे मछली पालन भी होता था जिससे तालाब साफ सुथरा होता था परंतु वर्तमान में जलकुम्भी व बाहरी कचरे के कारण पूरा तालाब प्रदूषित हो गया है जिसकी भयंकर बदबू से आसपास के रहवासी भी परेशान है।
फिलहाल महाशिवरात्रि पर्व से 15 दिवसीय मेला चल रहा है और इस खैया तालाब में व्यापारियों व दूर दूर से मेला देखने आने वाले लोगो का निस्तारी होता है परंतु इस बार भारी गंदगी के चलते लोगो को निस्तारी के लिए भटकना पड़ रहा है।