
भुवनेश्वर बंजारे
बिलासपुर – न्यायधानी गुरुवार फिर कोरोना की गति तेज हुई है। जहाँ एक साथ 215 नए संक्रमित मरीजो की पहचान की गई है। इनमें 158 शहरीय और 52 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों सहित 5 जीपीएम से मिले है। पॉजिटिव मरीजो में रेल्वे कर्मी,हाईकोर्ट कमर्चारी, सीआरपीएफ जवान,एनटीपीसी कर्मी ,मेडिकल स्टाफ,सिम्स सहित डॉक्टर शामिल है। गुरुवार कोरोना के जद में शहर के आधा दर्जन डॉक्टर आए है। जो किसी ना किसी संक्रमित मरीज के संपर्क में आकर ही संक्रमित हुए है। आपको बता दे होटल मिडटाउन में दो डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव निकले हैं। गुरुवार को 58 वर्षीय पुरुष और 54 वर्षीय महिला डॉक्टर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
वही हेमू नगर में 32 साल के एक और डॉक्टर संक्रमित हुए हैं। इधर विनोबा नगर में एक ही परिवार के दो लोग संक्रमित हुए हैं। इनकी उम्र 60 और 58 वर्ष है। तोरवा में भी 50 और 30 साल के दो मरीज मिले हैं। दोनों एक ही परिवार से हैं। मालूम हो शहर में शुभम विहार, हेमू नगर, तोरवा, विनोवा नगर, शिवम हाइट्स कल्पना विहार, शंकर नगर, वैशाली नगर, लिंगियाडीह, कुरेली, बिटकुली, केशला, ग्रीन सिटी, तारबहार इंदिरा कालोनी, पुराना बस स्टैंड, राजश्री गर्ल्स हॉस्टल, अज्ञेय नगर, मिटडाउन होटल, बंधवापारा, हेमू नगर, शुभम विहार, शंकर नगर, चंद्रा पार्क, तिलक नगर, जगमल चौक सहित अन्य इलाकों में मरीज मिले हैं। जिन्हें मिलाकर अब जिले में कुल संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़कर 7300 हो गई है। जिसमे अब तक 4836 मरीज स्वास्थ हो चुके है। जबकि 2324 मरीज एक्टिव है। जो जिंदगी की जंग लड़ रहे है।
बिल्हा ब्लॉक में मिले सर्वाधिक मरीज,, अन्य ब्लॉक भी कोरोना रेस में पीछे नही..
गुरुवार को बिल्हा ब्लॉक के अलग अलग जगह से 24 नए संक्रमित मिले है। इसी तरह मस्तूरी से 14 और कोटा से 11 नए मरीजो की पहचान हुई है। साथ ही 3 संक्रमित तखतपुर ब्लॉक के अलग अलग गाँव से मिले है। यानि कि ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग सभी ब्लॉकों में कोरोना की रफ्तार तेज हुई है। हालाकि गुरुवार को बिल्हा में ही कोरोना का आक्रामक रूप देखने को मिला है।
जिले के इतिहास में पहली बार एक साथ 1800 से अधिक संक्रमित मरीज हुए ठीक,,नए निर्देश के वजह से बढ़ी मरीजो की संख्या..
विगत सात महीनों से कोरोना संक्रमण का प्रकोप जिले में है। जिसमे रोजाना नए संक्रमित मरीजो के मिलने की अपेक्षा कम मरीज ठीक होते थे। लेकिन जिले के इतिहास में पहली बार एक साथ गुरुवार को 1812 मरीजो का डिस्चार्ज हुआ है। इसके पीछे की एक वजह यह भी है। कि राज्य सरकार के द्वारा इलाज के अवधि को 10 दिनों के लिए सीमित कर दिया है। यानि कि बिना लक्षण वाले मरीजो को 10 और लक्षण वाले मरीजो को भी 10 दिनों तक या 10 दिनों के भीतर आखरी के 3 दिन बुखार नही आने की दशा में स्वास्थ्य मनाने कहा गया है। जिसका अनुपालन स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार से किया गया है। जिसके मद्देनजर एक साथ जिले में 1800 से अधिक मरीजो का डिस्चार्ज संभव हो सका है। आपको बता दे होंम आइसोलेशन की यह अवधि पूर्व में 17 दिनों की थी।