
जब तक हिंदुस्तान के पास यह ताकत है ,किसी की मजाल नहीं कि वह भारत मां की तरफ आंख उठाकर भी देख सके
उदय सिंह,मल्हार
जंग जैसे इन हालातों में अगर पाकिस्तान के एफ 16 लड़ाकू विमानों को 60 साल पुराना मिग ध्वस्त कर देता है तो इसके पीछे ताकत सिर्फ उस हिंदुस्तानी जुनून की है जो मातृभूमि के लिए जान दे भी सकता है और दुश्मन की जान ले भी सकता है । युद्ध की इस घड़ी में जैसे पूरा देश एक सूत्र में पिरोया जा चुका है। जाति पाती भाषा मजहब की दीवारें अचानक से ध्वस्त हो चुकी है दुश्मन देश के इरादों को नेस्तनाबूद करने हर एक हिंदुस्तानी किसी भी हद तक गुजर सकता है। आम सिविलियन भी जरूरत पड़ने पर सरहदों पर जाकर देश के लिए लड़ने का इरादा रखता है तो फिर इस हालात में उस सैनिक के इरादे किस कदर बुलंद होंगे ,जिसने 17 सालों तक देश की सेवा की है। सेना की नौकरी, पैसे कमाने और अच्छी जिंदगी गुजारने के लिए की जाने वाली सेवा नहीं है ,यह तो उन जुनूनी लोगों के इरादों की हकीकत है जो देश के लिए अपने अदम्य साहस के उच्च पैमाने पर प्राण न्योछावर करने का हौसला रखते हैं। ऐसे ही हैं करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह राणा। अकलतरा के रहने वाले महेंद्र प्रताप ने थल सेना में 17 सालों तक रहकर देश की सेवा की है। सितंबर साल 2013 को वे सेना से तो सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन दिल आज भी देश के लिए धड़कता है ,और इरादे एक जांबाज सैनिक की तरह चट्टान से मजबूत है। पाकिस्तान के दुस्साहस के बाद जब हर एक हिंदुस्तानी का लहू खौल रहा है तो फिर उस सैनिक के दिलों में लावा कैसे ना दहकता जिसने सिर्फ सेना की वर्दी नहीं पहनी बल्कि उसे अपनी आत्मा में भी उतार लिया। दुश्मन के दांत खट्टे करने का इरादा लिए रिटायर्ड आर्मी महेंद्र प्रताप सिंह ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को एक पत्र लिखकर अपने इरादे से वाकिफ कराया है ।इस युद्ध की घड़ी में महेंद्र प्रताप सिंह बिना किसी शर्त ,बिना किसी वेतन और सुविधाओं के वतन के लिए देश की ओर से जंग लड़ना चाहते हैं ।
उन्होंने अपना इरादा जाहिर करते हुए अधिकारियों से मांग की है कि वह उन्हें यह मौका दे कि वह देश के लिए सरहद पर जाकर जंग लड़ सके और मातृभूमि के कर्ज को उतार सके। एक सच्चा राजपूत अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने से भी कभी पीछे नहीं हटता, वहीं इरादे और उसी संकल्प के साथ महेंद्र प्रताप भी चाहते हैं सरकार उन्हें एक और मौका जरूर दें क्योंकि ऐसे मौके रोज रोज नहीं आते और मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान करने से बेहतर एक सैनिक के लिए कुछ नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा में रहने वाले सैन्य अधिकारी ने सैनिक कल्याण समिति को पत्र लिखकर अपने इरादे जाहिर किए हैं ।दुनिया जानती है कि भारत की सेना कितनी विशाल और सक्षम है। पाकिस्तान जैसे देश को सबक सिखाने के लिए भारत के पास पर्याप्त सैन्य शक्ति मौजूद है। भारत अब पहले जैसा नहीं रहा, आज का भारत घर में घुसकर मारना भी जानता है और अपने सैनिक को छोड़ने के लिए दुश्मन के घुटने कैसे टिकवाना है यह भी उसे पता है । इसलिए पूरी संभावना है कि महेंद्र प्रताप सिंह को सरहद पर जाकर एक बार फिर आमने सामने की लड़ाई लड़ने का अवसर नहीं मिले, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव लेकर जिस देश भक्ति के जज्बे का इजहार किया है ,वही असल में इस देश की असली ताकत है ।और जब तक हिंदुस्तान के पास यह ताकत है ,किसी की मजाल नहीं कि वह भारत मां की तरफ आंख उठाकर भी देख सके