
भुवनेश्वर बंजारे
बिलासपुर – शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर करीब 5 लाख शासकीय कर्मचारी एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। इसका व्यापक असर बिलासपुर जिले में भी देखने को मिला। जहा स्कूल से लेकर शासकीय कार्यालयों में ताला बंदी की स्थित निर्मित हुई। आपको बता दे बिलासपुर जिले में करीब 20 हजार कर्मचारी हड़ताल पर थे। जहा उन्होंने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर। रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहा उन्होंने अपनी प्रमूख 5 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर सौरभ कुमार को मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। इस मामले में लिपिक संघ के प्रदेश महामंत्री सुनील यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट की बैठक से मोर्चा के साथ साथ कर्मचारियो को काफी उम्मीदें थी। लेकिन भूपेश सरकार ने उनकी मांगों पर केवल आंशिक निर्णय लिया है।
जिससे छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा असंतुष्ट है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मोर्चा की प्रमुख मांगो में कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान देय तिथि से लंबित 9 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान करना, 2016 से लंबित सातवें वेतनमान के अनुरूप केंद्रीय दरों पर गृह भाड़ा भत्ता देना,कांग्रेस पार्टी द्वारा जन घोषणा पत्र में किए गए वायदे के अनुसार चार स्तरीय क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाना सहित केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह राज्य के कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर 20 वर्ष की सेवा में पूर्ण पेंशन का प्रावधान किया जाना शामिल है। जिसको लेकर अब एक अगस्त से प्रदेश के सभी कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाएंगे।