
रमेश राजपूत
बिलासपुर – जिले में ठगी के मामले कम होने का नाम ही नही ले रहे है। न्यायधानी के दो थाना क्षेत्र में ठगी का मामला सामने आया है। जिसमे एक ओर बैक कर्मी के साथ मिलकर आबकारी विभाग के करीब डेढ़ करोड़ की ठगी की गई तो वही रेल्व में नौकरी का झांसा देकर 5 लाख 40 हजार की ठगी की घटना को अंजाम दिया गया है। पहला मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत व्यापार विहार एक्सीस बैंक का है। जहा कैशियर राकेश प्रसाद और टफ सिक्यूरिटी के कर्मचारियों ने मिलकर आबकारी विभाग के करीब एक करोड़ 27 लाख 53 हजार रूपए गबन कर दिए।
जिसकी शिकायत शाखा प्रबंधक दुर्जती मुखर्जी ने सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई है जहां उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बैंक में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन का खाता है। शराब बिक्री की रकम को टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी दुकानों से लाकर छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग के खाते में जमा कराते हैं। कंपनी की आडिट में पता चला कि बैंक खाते में एक करोड़ 27 लाख 53 हजार रूपए कम है। इसकी जमा पर्चियां कंपनी के पास मौजूद है। जिसे बैंक कैशियर राकेश प्रसाद ने जारी किया था। पुछताछ में कैशियर ने बताया कि टफ सिक्योरिटी के कर्मचारी उसे बिना रकम दिए पर्चियां लेकर जाते थे। इसके एवज में कैशियर को कमिशन दिया जाता था। कमिशन के लालच में उसने कर्मचारियों को बिना रूपए की पर्चियां दी है। उक्त मामले में आरोपी कैशियर के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी तरह दूसरा मामला बिल्हा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उमरिया में रहने वाले डोमन कुमार राजपूत को रेल्वे ग्रुप डी में नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखो की ठगी की गई। जिसकी शिकायत उन्होंने बिल्हा थाने में दर्ज कराई है। जहा उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कि सात महीने पहले वे डोंगरगढ़ जा रहे थे। इसी दौरान ट्रेन में उनकी मुलाकात खरसिया के पुरानी बस्ती में रहने वाले रूपेश कुमार रजक से हुई। उसने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के मायागंज बरारी जिला भागलपुर का रहने वाला है। वह खरसिया में रहकर रेलवे में नौकरी करता है। जान-पहचान के बाद दोनों एक दूसरे के घर में आने जाने लगे। इस दौरान डोमन ने रूपेश को बताया कि उसने रेलवे ग्रुप डी में नौकरी के लिए फार्म भरा है।
इसकी जानकारी होने पर रूपेश ने रेलवे के अधिकारियों से अपनी जान-पहचान बताकर नौकरी लगवा देने की बात कही। इसके लिए उसने छह लाख रुपए की मांग की। इस पर डोमन ने उसे तीन लाख रुपए चेक के माध्यम से दिए। इसके बाद सात जुलाई को उसने डोमन के मोबाइल पर एक लिस्ट भेजा। इसमें उसका नाम भी था। इसके साथ ही उसने एलाटमेंट के लिए दो लाख रुपए और मांगे। तब डोमन ने फोन के माध्यम से दो लाख रुपए रूपेश के खाते में जमा करा दिए। रुपए मिलने पर रूपेश ने खरसिया बुलाकर एलाटमेंट लेटर दिया। साथ ही रायगढ़ के छाल स्टेशन में ज्वाइन करने के लिए कहा। इसके लिए अलग से ज्वाइनिंग लेटर आने की बात कही। कई महीने बीत जाने के बाद भी उसका ज्वाइनिंग लेटर नहीं आया। इस पर डोमन ने रेलवे के अधिकारियों से इस संबंध में पूछताछ की। तब पता चला कि एलाटमेंट लेटर फर्जी है। इस पर उसने अपने रुपए वापस मांगे तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी देने लगा। जिसके बाद प्रार्थी ने आरोपी की शिकायत थाने में दर्ज कराई है। जहा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।