
हरिशंकर पाण्डेय

मल्हार – बीच सड़क में मवेशियों के जमावड़े के कारण रोज हो रही दुर्घटना। मस्तूरी से मल्हार के बीच मवेशियों के कारण प्रतिदिन दुर्घटना होना सामान्य बात हो गई है इस मार्ग में बीच सड़क में सैकड़ो मवेशियों का जमावड़ा रहता है खासकर शाम होते ही इनके कारण यातायात में भारी दिक्कत होती है। सबसे ज्यादा परेशानी चार पहिया वाहनों को होती है। 4 दिन पूर्व ही मल्हार मुख्य मार्ग में एक मोटरसायकल चालक युवक मवेशी में टकराने से गम्भीर रूप से घायल हो गया जिसको 108 के मदद से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

छत्तीसगढ़ सरकार के महत्वपूर्ण योजनाओ में एक रोका छेका अभियान को भी ठेंगा दिखाया जा रहा। इन मवेशियों को खुले सड़को में देखकर ऐसा लगता है कि सरकार की यह योजना सिर्फ कागजों में ही है। सड़क किनारे के गाँव वाले अपने मवेशियों को खुले में छोड़ देते है

जबकि उनके लिए गांव गांव में गोठान भी बनवाना गया है परन्तु अधिकारियों के निरीक्षण में नही पहुचने से स्थानीय जनप्रतिनिधि व कर्मचारी भी मनमौजी करते है। छत्तीसगढ़ सरकार ने मानसून आने से पहले पूरे छत्तीसगढ़ में रोका- छेका अभियान की शुरुआत 20 जून से शुरू की थी।

इस अभियान के तहत खेतों में लगे फसलों को जानवरों से बचाने के लिए इसकी शुरुआत की जा रही है. सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों के कलेक्टर और पंचायत के अधिकारियों को इस अभियान को सुचारू रूप से शुरू करने के लिए निर्देशित भी किया है।

परन्तु वर्तमान में गांव से लेकर शहर तक चाहे गावो के मुख्य मार्ग हो या हाइवे इन सभी जगहों में भारी संख्या में मवेशी घूम रहे है जिससे दुर्घटनाए भी हो रही है।
मल्हार में अब तक नही बन पाया गोठान…

गोठान निर्माण की स्वीकृति के एक साल बाद भी नही बन पाया जिससे इस वर्ष भी किसानों को अपनी फसल बचाने भारी जद्दो जहद करना पड़ेगा। 28 जुलाई हरेली त्यौहार तक बियासी का काम भी हो जाएगा इसके बाद किसान चिंतित रहते है कि कोई जानवर खेतो में ना घुस जाए गोठान नही बनने से इस बार फिर मवेशी फसलों को नुकसान पहुचाएंगे।