उदय सिंह
तालापारा रमजानी बाबा मजार के पास रहने वाले लतीफ खान के घर खूब रौनक थी। होती भी क्यों नहीं। अगले कुछ ही दिनों में उनकी बेटी तरन्नुम बेगम की शादी जो होने वाली थी । घर मेहमानों से गुलजार था और मेहमानों के लिए एक कमरे में खाना बनाया जा रहा था। घर में रोज इस्तेमाल होने वाले चूल्हे और गैस सिलेंडर पर चिकन बनाने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान रसोई गैस सिलेंडर के पाइप लाइन से गैस रिसने लगा और देखते ही देखते उसने आग पकड़ ली। रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से उस कमरे में आग फैल गई और स्टोर रूम में रखे सारे सामान धू-धू कर जल उठे। बेटी की शादी के लिए लतीफ खान ने दहेज का सामान इकट्ठा कर रखा था। इस आगजनी में दहेज का पूरा सामान भी जल उठा तो पूरे परिवार में हाहाकार मच गया।
गैस सिलेंडर में आग लगने की वजह से आसपास के में भी कोहराम मच गया । बेहद सघन इलाका होने की वजह से सारे घर एक दूसरे से सटे हुए हैं । ऐसे में अगर एक घर में आग लगी है तो जाहिर तौर पर आग फैल कर दूसरे घरों तक भी पहुंच सकती है। वहीं रसोई गैस सिलेंडर में विस्फोट होने पर कई जान के जाने का भी खतरा था। इसलिए इस घटना से यहां कोहराम मच गया। लोग इधर-उधर भागने लगे, लेकिन इसी बीच किसी ने इलाके के पार्षद शेख नजीरुद्दीन को फोन कर दी और यही सबसे बेहतर साबित हुआ। लोगों को लगा कि दमकल बुलाने के लिए क्षेत्र के पार्षद को फोन करना चाहिए। पार्षद शेख नजीरुद्दीन ने एक तरफ जहां दमकल विभाग को फोन किया वहीं तुरंत मौके पर पहुंच गए और बेहद दिलेरी का प्रदर्शन करते हुए खुद उस कमरे तक जा पहुंचे जहां सिलेंडर में आग लगी हुई थी और उन्होंने आव देखा ना ताव, तुरंत बहादुरी दिखाते हुए सिलेंडर को घसीटते हुए बाहर ले आए और नाले में सिलेंडर को डुबो दिया, जिससे कुछ ही देर में आग बुझ गई।
छोटे पार्षद की सतर्कता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई। इसी बीच किसी तरह गली में दमकल की गाड़ी पहुंची और उसने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी। करीब आधे घंटे की कोशिश के बाद आग पूरी तरह बुझ गई लेकिन अपने पीछे वह बर्बादी की पूरी कहानी छोड़ गयी। ईद के बाद होने वाली लतीफ खान की बेटी की शादी के लिए जो दहेज का सामान जोड़ा गया था, उसे आग ने कोयले में तब्दील कर दिया था। जिस घर में कुछ देर पहले शादी की खुशियां बिखरी हुई थी, वहां मातम पसर गया ।लेकिन यहां इससे भी बुरा हो सकता था । अगर ऐन वक्त पर छोटे पार्षद ऐसी दिलेरी नहीं दिखाते तो फिर रसोई गैस सिलेंडर में विस्फोट होना मुमकिन था और अगर ऐसा होता तो कई जाने जाती और कई घरों में आग लग सकती थी। तालापारा इलाके में हुई इस आगजनी की घटना से एक और बात निकल कर सामने आई है।जब दमकल की गाड़ी आग बुझा कर वापस लौटने लगी तो उसे बाहर निकलने में घंटों लग गए।
बेहद संकरी गली होने की वजह से यहां ऐसे आपातकालीन अवसर पर न तो सही तरीके से दमकल की गाड़ी आ सकती है और न ही वह तुरंत निकल कर जा सकती है। बिलासपुर के कई ऐसे इलाके हैं, जहां बिना इसी योजना के, मकान बेतरतीब तरीके से बना लिए गए हैं । जिस कारण ऐसी दुर्घटनाओं के वक्त बड़ी धन जन की हानि हो सकती है। रविवार को भले ही यहां के लोगों में इस बात को लेकर दुख नजर आया कि शादी के घर में जोड़ा गया दहेज का सामान जलकर खाक हो गया, लेकिन इस बात की भी हर तरफ प्रशंसा हो रही है कि तालापारा के छोटे पार्षद ने अपनी बहादुरी और दिलेरी का प्रदर्शन करते हुए एक बड़ी दुर्घटना को डाल दिया।